स्मार्ट मीटर लगाकर विभाग के निजीकरण की साजिश रच रहा है चंडीगढ़ प्रशासन: प्रदीप छाबड़ा
CHANDIGARH: बीजेपी पर झूठे वायदे करके सत्ता पर काबिज होने और केंद्र सरकार पर सरकारी विभागों का एक-एक कर निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने देश हित में बिजली संशोधन बिल को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह बिल लोगों की जेब पर बहुत भारी पड़ेगा।
पहले ही बिजली महंगी दे रहा प्रशासन
छाबड़ा ने मंगलवार को जारी एक बयान में लोगों से सवाल करते हुए उन्हें समझाने की कोशिश की है कि सरकार की तरफ से प्रीपेड वाले स्मार्ट मीटर आपके घरों में क्यों लगवाए जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चाहती है कि बिजली क्षेत्र पूरी तरह से प्राइवेट हाथों में चला जाए और निजी बिजली कंपनियों को आपको लूटने का खुला लाइसेंस मिल जाए। छाबड़ा ने कहा कि इस कानून के लागू होने पर सब्सिडी और क्रास सब्सिडी आने वाले तीन साल में समाप्त हो जाएगी। अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है, जिसके चलते इन उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है। छबड़ा ने कहा कि अब नई नीति और निजीकरण के बाद सब्सिडी समाप्त होने से उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी होगी हो जाएगी और प्राइवेट कंपनियां अपने मनमाने रेट लगाएंगी। वैसे भी चंडीगढ़ प्रशासन महंगी बिजली दे रहा है। ऊपर से नगर निगम अब प्रति यूनिट एमसी टैक्स लेने लग गया है।
कोरोनाकाल में राहत के बजाय भारीभरकम बिल भेज रहा प्रशासन
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शहरवासियों को कोरोना काल में बिजली बिल में राहत देने की बजाए प्रशासन भारीभरकम बिल भेज रहा है, ये जनता के साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहा की इस कानून के पास होने के कुछ ही समय बाद सरकारी कम्पनियां बाहर हो जाएंगी और निजी कंपनियों का पॉवर सेक्टर पर कब्जा हो जाएगा। प्राइवेट कंपनियों को कोई घाटा न हो, इसीलिए सब्सिडी समाप्त कर आपके घरों में धड़ाधड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल के विरोध में देशभर के लगभग 15 लाख बिजली कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। इस अमेंडमेंट बिल को लेकर बिजली कर्मचारियों में खासा आक्रोश है। कांग्रेस इस निजीकरण का विरोध करती है और चंडीगढ़ प्रशासन से मांग करती है कि जल्द स्मार्ट मीटर लगाना बंद करे, अन्यथा कांग्रेस सड़क पर उतर कर इसका विरोध करेगी।