ग्रह परिवर्तनः आज शुक्र ग्रह आ रहे हैं मिथुन राशि में, जानिए 1 सितंबर तक आपकी राशि पर क्या होगा असर

ANews Office: भारत में शुक्र ग्रह का अस्त होना आंचलिक भाषा में तारा डूबना कहलाता है, जो विवाह के मुहूर्त तय करता है। विवाह के मुहूर्त निकालते समय गुरु तथा शुक्र की आकाशीय स्थिति देखना ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विवाह मुहूर्त के लिए दोनों ही ग्रह शुभावस्था में होने चाहिए। इस साल के अंत तक दोनों ग्रह अब ठीक अवस्था में रहेंगे। अतः विवाह के मुहूर्त 10 दिसंबर-2020 तक काफी संख्या में उपलब्ध हैं।

शुक्र की किरणों का मनुष्य के शरीर और जीवन पर अकाट्य प्रभाव

गुरु के बाद सौरमंडल में शुक्र का नंबर आता है। आकाश में शुक्र ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है। इसे संध्या और भोर का तारा भी कहते हैं। आकाश में सबसे तेज चमकदार तारा शुक्र ही है। ज्योतिष और वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र की किरणों का हमारे शरीर और जीवन पर अकाट्य प्रभाव पड़ता है। शुक्र चार सौर स्थलीय ग्रहों में से एक है, जिसका अर्थ है कि पृथ्वी की ही तरह यह एक चट्टानी पिंड है। आकार व द्रव्यमान में यह पृथ्वी के समान है और इसे अक्सर पृथ्वी की ‘बहन’ या ‘जुड़वां’ के रूप में वर्णित किया गया है। शुक्र का व्यास 12,092 कि.मी. (पृथ्वी की तुलना में केवल 650 कि.मी. कम) और द्रव्यमान पृथ्वी का 81.5% है।

शुक्र एक स्त्री ग्रह

शुक्र हमारे जीवन में स्त्री, वाहन और धन सुख को प्रभावित करता है। यह एक स्त्री ग्रह है। पुरुष के लिए स्त्री और स्त्री के लिए पुरुष शुक्र है। हिन्दू धर्म में लक्ष्मी, काली और गुरु शुक्राचार्य को शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है। जैसे-जैसे जातक की कुंडली में ग्रहों की दशा में परिवर्तन आता है उसी प्रकार उनके सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव भी जातक पर पड़ते हैं। इसलिए ग्रहों की चाल, ग्रहों के गोचर या कहें ग्रहों के राशि परिवर्तन का व्यापक प्रभाव समस्त राशियों पर पड़ता है।

शुक्र का राशि परिवर्तन ज्योतिष शास्त्र के नज़रिए से अहम

शुक्र को अंग्रेजी में वीनस यानि सुंदरता की देवी कहा जाता है। जिसे ज्योतिष में स्त्री ग्रह भी माना जाता है। जो वृषभ व तुला राशियों के स्वामी हैं, जिन्हें दैत्यगुरु भी माना जाता है। जो जातक की कुंडली में विवाह से लेकर संतान तक के योग बनाते हैं। लाभ का कारक भी शुक्र को माना जाता है। जीवन में सुख-समृद्धि भी शुक्र के शुभ प्रभाव से आती है। शुक्र जातक में कला के प्रति आकर्षण पैदा करते हैं। कलात्मकता का विकास करते हैं। शुक्र का जातक की कुंडली में कमजोर या मजबूत होना बहुत मायने रखता है। मीन राशि में शुक्र उच्च के होते हैं तो कन्या राशि में इन्हें नीच का माना जाता है। शुक्र सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद आकाश में अपनी चमक से एक विशेष पहचान रखते हैं। शनि, बुध व केतु के साथ इनकी मित्रता है तो सूर्य, चंद्रमा व राहू के साथ इनका शत्रुवत संबंध है। मंगल व बृहस्पति के साथ इनका संबंध सामान्य है। शुक्र ही वह ग्रह हैं, जिन्हें हम भोर का तारा कहते हैं। शुक्र का राशि परिवर्तन करना ज्योतिष शास्त्र के नज़रिए से एक अहम गतिविधि है।

शुक्र का गोचर 5 बजकर 09 मिनट पर

कला, सौंदर्य के कारक ग्रह शुक्र का गोचर 1 अगस्त 2020 को 5 बजकर 09 मिनट पर मिथुन राशि में होगा। शुक्र ग्रह 1 सितम्बर सुबह 2 बजकर 02 मिनट तक इसी राशि में स्थित रहेंगे। शुक्र की स्थिति का प्रभाव सभी राशि के जातकों पर अलग-अलग तरह से पड़ेगा। मिथुन राशि में पूर्व से ही राहु विद्यमान हैं, शुक्र के राशि परिवर्तन से मिथुन राशि में राहु-शुक्र की युति होगी, जो फिल्म इंडस्ट्री, फैशन, गीत-संगीत, ललित-कलाओं से संबंधित व्यक्तियों के लिए हानिकारक होगी।

आइये, जानते हैं शुक्र के राशि परिवर्तन से आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है। यह राशिफल चंद्र राशि पर आधारित है।

मेषः यदि आप अभिनय, संगीत आदि में रुचि रखते हैं तो इस दौरान आपको अपनी कला को प्रदर्शित करने का पूरा मौका मिलेगा, इसके साथ ही आप अपने रचनात्मक कार्य को ही अपने व्यवसाय में बदल सकते हैं। प्रेम जीवन में भी सुधार आने की पूरी संभावना है। यदि नवविवाहित हैं तो आपके जीवन में किसी नए मेहमान की दस्तक होने की पूरी संभावना है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी अच्छा रहेगा।

वृषभः अपने परिवार के लोगों के साथ वक्त बिताना पसंद करेंगे। ज्यादा बचत करने की कोशिश करें। इस अवधि में कर्ज लेने या देने से बचें। खर्चों में वृद्धि हो सकती है, हालांकि इससे आपकी आर्थिक स्थिति पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। शुक्र का यह गोचर अनुकूलता लिए हुए है।

मिथुनः शुक्र ग्रह का गोचर आपके लग्न भाव यानि प्रथम भाव में हो रहा है। जो शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें भी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। कुछ नया सीखने के लिए इस अवधि में तत्पर रहेंगे। अपने वक्त की कीमत को समझते हुए इस दौरान आपको आगे बढ़ना चाहिए। एलर्जी होने की संभावना है, इसलिए आपको उन स्थितियों से और पदार्थों से दूर रहना चाहिए, जिनके कारण आपको एलर्जी होती है। कोई बड़ी बीमारी लगने की संभावना नहीं है।

कर्कः उन के लिए तो अच्छा रहेगा जो विदेशों से जुड़ा व्यापार या विदेशी कंपनियों में काम करते हैं। इस अवधि में आपको बहुत सोच समझकर आगे बढ़ने की जरूरत है। जीवनसाथी के साथ मनमुटाव की स्थिति बन सकती है। सरकारी नौकरी से संबंधित जातकों का तबादला ऐसी जगह हो सकता है जहां वो जाना नहीं चाहते। स्वास्थ्य को लेकर भी आपको सावधान रहना होगा, आंखों संबंधी समस्याएं इस राशि के लोगों को परेशान कर सकती हैं।

सिंहः आपको लंबे समय से सफलता नहीं मिली थी तो अब उसके मिलने की पूरी संभावना है। कार्यक्षेत्र में इस दौरान सराहना मिलेगी और मेहनत का अच्छा फल मिलेगा। इंटरनेट और सोशल मीडिया से इस राशि के जातकों को फायदा होने की भी उम्मीद है। रोमांस की अधिकता आपके अंदर रहेगी। इस राशि के जो जातक स्कूल या कालेज में हैं वो अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए इस दौरान निरंतर प्रयास करेंगे।

कन्याः कार्यक्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी। कोई नया सामान खरीदना चाहते हैं तो यह समय अनुकूल है। घर के ऑफिस के अच्छे माहौल के कारण आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा। जो जातक फिल्म जगत से जुड़े हैं, वो भी इस दौरान सफलता अर्जित करेंगे। जिस भी प्रोजेक्ट से आप जुड़े हैं उसके सफल होने की पूरी-पूरी संभावना है। आज की गई मेहनत आपके भविष्य को भी सुधार सकती है।

तुलाः विद्यार्थी वर्ग के जातक भी कई कठिन विषयों को समझने में इस दौरान सफल होंगे। आप अपने ज्ञान को लगातार बढ़ाने की दिशा में अग्रसर होंगे। जो लोग प्रेम संबंधों को शादी के बंधन में बांधना चाहते हैं वो भी इस दौरान सफल हो सकते हैं। हालांकि आपको सुंदरता या शरीर से ज्यादा अपने साथी से भावनात्मक रुप से जुड़ना चाहिए। स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की जरुरत है, पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।

वृश्चिकः लोग आपकी बातों का गलत मतलब निकाल रहे हैं। इसलिए अपनी बातों को बहुत स्पष्टता के साथ आपको रखना होगा। वाणी पर इस दौरान संयम रखें, नहीं तो रिश्ता खराब हो सकता है। कोई अच्छा सरप्राइज मिल सकता है। इस गोचर के दौरान यदि अच्छे फल प्राप्त करना चाहते हैं तो मेहनत जारी रखें और मन में शांति बनाए रखें, इसके लिए आप योग-ध्यान का सहारा ले सकते हैं।

धनुः सामाजिक स्तर पर भी आप अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे और दोस्तों या जान-पहचान के लोगों से आपको लाभ की प्राप्ति होगी। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा लेकिन आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य आपकी परेशानी का सबब बन सकता है। साझेदारी में व्यापार कर रहे हैं तो व्यापार में फायदा मिलने की पूरी संभावना है। अपने व्यापार को फैलाने के बारे में भी इस अवधि में विचार कर सकते हैं।

मकरः पारिवारिक जीवन में इस दौरान आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। छोटी-छोटी बातों को लेकर घर के लोगों से मनमुटाव हो सकता है। परिणामों की प्राप्ति के लिए आपको दोगुनी मेहनत करनी पड़ेगी। इसलिए इस दौरान आलस्य को त्याग कर आगे बढ़ते रहें। आपके विरोधी भी इस दौरान सक्रिय रहेंगे और उनके द्वारा आपके खिलाफ साजिश हो सकती है।

कुंभः विवाहित लोगों को अपनी संतान से लाभ की प्राप्ति होगी। आपके बच्चे कुछ ऐसा कर सकते हैं, जिससे समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। यदि आपकी माता नौकरी पेशा हैं तो उनको भी लाभ होने की संभावना है। प्रॉपर्टी के क्रय-विक्रय से भी आप फायदे की स्थिति में रहेंगे। यदि आप किसी से प्रेम करते हैं या शादीशुदा हैं तो अपने पार्टनर के सामने खुलकर अपनी बातें रखें, इससे उनको खुशी होगी।

मीनः मानसिक रूप से आप शांत रहेंगे लेकिन माता का स्वास्थ्य आपको परेशान कर सकता है। कुछ परेशानियों का सामना कार्यक्षेत्र में करना पड़ सकता है। खांसी, जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारियां आपको परेशान करेंगी। इस अवधि में आपको ठंडे पदार्थों को खाने से बचना चाहिए, नहीं तो समस्या और बढ़ सकती है।

शुक्र को बलवान बनाने के लिए कुछ सामान्य उपाय

  • कोई भी काम शुरू करने से पहले पिता या पितातुल्य लोगों से सलाह लें।
  • शुक्रवार के दिन सफेद वस्तुओं का दान करें।
  • माता-पिता का आशीर्वाद लेकर घर से निकलें।
  • घर या दफ्तर में शुक्र यंत्र की स्थापना करें।
  • शुक्र के शुभ फल प्राप्त करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठें।
  • सुबह के समय शुक्र बीज मंत्र का जाप करें।
  • गुरुजनों का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।
  • शुक्रवार के दिन माता संतोषी की पूजा करें।
  • स्फटिक की माला धारण करें।
  • श्री सूक्त का पाठ करना आपके लिए शुभ रहेगा।
  • शुक्र की मजबूती के लिए आपको शक्कर का दान करना चाहिए।
  • शुक्रवार को शुक्र का दान करें- (दान सामग्री: श्वेत वस्त्र, सौंदर्य सामग्री, इत्र, चांदी, शक्कर, दूध-दही, चावल, घी, स्फटिक, सफेद पुष्प)
  • शुक्रवार के दिन ब्राह्मणों को श्वेत मिष्ठान या खीर खिलाएं।
  • शुक्रवार को मंदिर में तुलसी का पौधा लगाएं।
  • प्रत्येक शुक्रवार चींटियों को आटा व पिसी शक्कर मिश्रित कर डालें।
  • सफेद गाय को नित्य चारा व रोटी दें।

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़।
फोनः 9815619620

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