डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 के युवा सेवा क्लब ने छात्रों के लिए प्रेरक वार्ता का किया आयोजन
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल केएसमान व कर्नल डीएस चीमा के अलावा पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक अत्रे ने भी छात्रों को किया संबोधित
CHANDIGARH, 13 OCTOBER: यहां सेक्टर-10 स्थित डीएवी कॉलेज के युवा सेवा क्लब ने छात्रों के लिए ‘युवाओं के जीवन के अद्भुत समय का सर्वोत्तम उपयोग करना’ विषय पर एक प्रेरक वार्ता आयोजित की। इसमें मुख्य वक्ता लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केएसमान, कर्नल (सेवानिवृत्त) डीएस चीमा और पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक अत्रे थे।
कार्यक्रम की शुरुआत युवा सेवा क्लब की संकाय सदस्य डॉ. शिल्पी आहूजा ने की, जिन्होंने युवाओं के समाज की अच्छी संपत्ति बनने पर जोर दिया। कॉलेज की छात्रा लिजा ने गणेश वंदना प्रस्तुत की। युवा सेवा क्लब की संयोजक डॉ. दीप्ति मदान ने मुख्य अतिथियों का स्वागत करते हुए छात्रों को उत्पादक गतिविधियों में क्षमता का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. जे. खत्री ने युवाओं को चंद्रगुप्त मौर्य, महात्मा गांधी, महात्मा बुद्ध जैसे ऐतिहासिक महापुरुषों का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया और युवाओं में सहानुभूति व करुणा के गुणों को आवश्यक बताया।
कर्नल चीमा ने युवाओं को उम्र के इस अद्भुत समय का अधिकतम लाभ उठाने और अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कड़ी मेहनत, सकारात्मकता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मानवीय मूल्यों के बीच एक समग्र संतुलन बनाने के गुणों पर जोर दिया। कर्नल चीमा ने युवाओं को स्वर्गीय रतन टाटा, सैम बहादुर और पंडित जवाहरलाल नेहरू से प्रेरणा लेने और सफलता की कहानी लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। पूर्व आईएएस अधिकारी विवेक अत्रे ने कहा कि युवा अपने अंदर साहस, चरित्र, रचनात्मक सोच, शांति, प्रसन्नता, करुणा और संतोष की भावना को विकसित करें। उन्होंने छात्रों को लेखक ऐश से सबक लेने के लिए प्रेरित किया, जो विंबलडन चैंपियन भी थे।
लेफ्टिनेंट जनरल केएस मान ने युवाओं को समर्पण के साथ कर्म करने और बिना किसी देरी या स्थगन के काम पूरा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने युवाओं को रतन टाटा जैसे दिग्गजों का अनुसरण करने और ईमानदारी, निष्ठा तथा कड़ी मेहनत के गुणों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर तेजिंदर ने कविता पाठ, आदित्य और हर्ष ने गायन और कॉलेज के अन्य छात्रों ने लुड्डी जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। अंत में डॉ. राजिंदर सिंह ने औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।