CHANDIGARH: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जहां पंजाब सरकार द्वारा महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त सफर की सुविधा का ऐलान किया गया, वहीं महिलाओं के सशक्तिकरण के उद्देश्य से कई ऐलान और अनेक प्रोजेक्टों का आग़ाज़ करके इस दिन को विशेष रूप में मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उम्मीद ज़ाहिर की कि मुल्क जल्द ही महिलाओं को सुरक्षा बलों की युद्ध लडऩे वाली ईकाईयों में भी नयी चुनौतियों से मुकाबला करते देखेगा।
संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक एजेंसियों के सहयोग से महिला केंद्रित प्रोजेक्टों और महिलाओं के लिए विशेष सांझ शक्ति हेल्पडेस्क और हेल्पलाइन का वर्चुअल तौर पर आगाज करते हुए मुख्यमंत्री ने महिलाओं के कल्याण और अन्य मौकों के साथ अपनी सरकार की वचनबद्धता अभिव्यक्ति ताकि उनको प्रगति और विकास योग्य बनाया जा सके।
नये बदलते दौर में महिलाओं की तरफ से गौरवमयी पद हासिल करने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने पैप्सीको की चेयरपर्सन का जि़क्र किया जिसकी प्रमुख भारतीय मूल की महिला है और ये सिफऱ् जहाज़ ही नहीं बल्कि लड़ाकू जहाज़ राफेल भी उड़ा रही हैं। उन्होंने होशियारपुर की लडक़ी तानिया शेरगिल का भी जि़क्र किया जिसने साल 2020 की गणतंत्र दिवस की परेड में पुरूष सैन्य टुकडिय़ों का नेतृत्व करने वाली पहली भारतीय महिला होने का गौरव हासिल किया। उन्होंने कहा कि वह समय भी आएगा जब हम इज़रायल और कुछ मुल्कों की तरह भारत की रक्षा सेनाओं के युद्ध लडऩे वाली ईकाईयों में महिलाओं को जि़म्मेदारी निभाते देखेंगे।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया की परीक्षाओं में लड़कियां लगातार लडक़ों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं, स्व-सहायता ग्रुपों के द्वारा गरीब परिवारों की आय बढ़ा रही हैं और यहां तक कि रक्षा सेनाओं में मुल्क की सेवा कर रही हैं जबकि इसके साथ-साथ रोज़ाना के जीवन में मां, पत्नी, बहन और बेटी की भूमिका भी निभा रही हैं। उन्होंने पंजाब के लोगों ख़ासकर नौजवानों को महिलाओं की बराबरी और न्याय को यकीनी बनाने के प्रति काम करने का न्योता दिया क्योंकि महिलाओं के अधिकारों के बिना कोई भी समाज या परिवार सही मायनों में तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत और पंचायती और शहरी स्थानीय इकाईयों के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण पहले ही मुहैया करवा दिया है।
आज शुरू की गई स्कीमों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये अनोखे प्रयास महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से रक्षा करना और उनके अधिकारों की रक्षा को यकीनी बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने बताया कि स्कूलों के सिलेबस में लिंग संवेदना पाठ्यक्रम को लागू करने और महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए यत्न जारी हैं, जिससे उनके रोजग़ार, सामथ्र्य निर्माण और अनीमिया के ख़ात्मे में सुधार लाया जा सके।
यू.एन. महिला, यू.एन.डी.पी. (संयुक्त राष्ट्र विकास फंड), यू.एन. पॉपुलेशन फंड, जे.-पी.ए.एल. (अब्दुल लतीफ जमील पावरटी एक्शन लैब) और एफ.यू.ई.एल. (फ्यूल फरैंडज फार ऐनरजिग लाइव्ज) से सम्बन्धित प्रोजेक्टों के अलावा मुख्यमंत्री ने सभी 383 पुलिस थाना में साझ शक्ति हैल्पडैसक और पंजाब पुलिस की तरफ से चलाई जाने वाली 181 साझ शक्ति हेल्पलाइन की शुरुआत की गई जो महिलाओं के साथ-साथ बच्चों और बुजुर्गों के शिकवे -शिकायत पर कार्यवाही करेगा। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभागों के मास्टर काडर में 2407 महिलाओं को नियुक्ति पत्र देने का ऐलान किया।
इस मौके अपने संबोधन में सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि महिलाओं ने हमेशा ही हरेक क्षेत्र जैसे सिवल सेवाओं, खेल, रक्षा सेवाओं, उच्च तकनीकी और डाक्टरी शिक्षा आदि में अहम भूमिका निभाई है। लड़कियों और लडक़ों की समानता के बारे लोगों में जागरूकता फैलाने के निष्कर्ष के तौर पर राज्य में लिंग अनुपात में काफी सुधार हुआ है, साल 2013-14 में 890 लड़कियों के प्रति 1000 लडक़े थे, जोकि साल 2019-20 में बढ़ कर 920 लड़कियों के प्रति 1000 लडक़े हो गये। उन्होंने साल 2021-22 के बजट में शगन स्कीम की ग्रांट 21,000 रुपए से बढ़ा कर 51,000 रुपए और बुढापा पैंशन 750 रुपए से बढ़ा कर 1500 रुपए प्रति महीना करने के लिए मुख्यमंत्री का भी धन्यवाद किया।
सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की आज्ञा देने सम्बन्धी राज्य सरकार के फैसले की सराहना करते हुये पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने सुझाव दिया कि लड़कियों को शोषण से बचाने के लिए इन बसों में कम से कम 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की जानी चाहिए। उन्होंने लड़कियों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के उद्देश्य से सुरक्षा और कानून व्यवस्था के प्रति महिलाओं के विश्वास को बहाल करने के लिए साझ शक्ति हैल्पडैस्क और 181 हेल्पलाइन जैसे प्रयास शुरू करने की भी सराहना की। उन्होंने पंजाब सरकार को 15 साला लड़की ज्योति का महिला सशक्तिकरण का रोल माडल के तौर पर सम्मान करने की सिफारिश की जो 1200 किलोमीटर साइकिल चला कर अपने दिव्यांग पिता को गुरूग्राम से दरभंगा तक लेकर गई थी।
मुख्य सचिव विनी महाजन ने समाज में महिलाओं के कल्याण और सर्वपक्षीय विकास को यकीनी बनाने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह के दूरअन्देशी नेतृत्व अधीन सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग की तरफ से किये ठोस यत्नों की सराहना की।
अपने स्वागती भाषण में सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास के प्रमुख सचिव राजी पी. श्रीवास्तव ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने की जरूरत पर जोर दिया।
पंजाब भवन में करवाए मुख्य वर्चुअल प्रोग्राम के साथ-साथ राज्य भर में जिला मुख्यालयों और ब्लाक स्तरों पर एक ही समय प्रोग्राम आयोजित किये गए। इसके अलावा इस विशाल समागम में 158 कालेजों, 14 निजी यूनिवर्सिटी के कैंपस, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़, गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना कैंपस के इलावा 1150 गाँवों और कस्बों के शहरी/ग्रामीण निवासी भी शामिल हुए