राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किया फाजिल्का का दौरा
CHANDIGARH, 9 APRIL: राज्य के 6 सीमावर्ती जि़लों में राष्ट्रीय सुरक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने शनिवार को केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल की ज़रूरत पर विशेष ज़ोर दिया, जिससे देश की एकता और अखंडता को हर हाल में कायम रखा जा सके।
पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए राज्यपाल ने बताया कि आज उन्होंने मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के साथ सीमावर्ती जिलों के सरपंचों और पंचों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक करके सुरक्षा स्थिति का जायज़ा लिया। राज्यपाल ने कहा, ‘‘बैठक का मुख्य एजेंडा इन जि़लों की सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए एक मज़बूत तंत्र तैयार करना था, ख़ासकर जब पड़ोसी देश ड्रोन के द्वारा नशों और हथियारों की तस्करी कर पंजाब में अशांति पैदा करने के तरीके ढूँढ रहा है’’, राज्यपाल ने आगे कहा, इस सम्बन्ध में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।
सरहद पार से आए नशे स्कूल जाने वाले बच्चों के हाथों तक पहुंच जाने पर चिंता ज़ाहिर करते हुए राज्यपाल ने लोगों से सहयोग की अपील की और उनको ऐसी नापाक गतिविधियाँ ध्यान में आने पर तुरंत इसकी सूचना पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को देने के लिए कहा।
राज्यपाल ने आगे बताया कि युवाओं ख़ासकर सीमावर्ती क्षेत्रों से सम्बन्धित युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक ढंग से प्रयोग के लिए जल्द ही ‘अग्निपथ’ नाम की एक योजना का उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें युवाओं को अपेक्षित प्रशिक्षण के अलावा सेना में 4 साल के लिए रोजग़ार भी दिया जाएगा। राज्यपाल ने आगे कहा ‘‘मैं मुख्यमंत्री द्वारा पंजाब के हितों के मुद्दे भारत सरकार के समक्ष उठाने के लिए किए गए हर प्रयास को दिल से समर्थन दूँगा’’, राज्यपाल ने यह भी कहा कि वह सुरक्षा स्थिति का जायज़ा लेने के लिए हर 3 महीने बाद सीमावर्ती जि़लों का दौरा करेंगे।
इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत मान ने कहा कि पंजाब उन शहीदों की धरती है, जिन्होंने आज़ादी के आंदोलन में शहीद-ऐ-आज़म भगत सिंह, शहीद उधम सिंह और लाला लाजपत राय जैसे महान क्रांतिकारियों को जन्म दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब भी राज्य के बहादुर युवा देश की रक्षा के लिए सेना में सेवाएं देकर अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं’’, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का ध्यान स्कूलों, कॉलेजों के अलावा सीमावर्ती क्षेत्र में उद्योग लगाने और कौशल विकास संस्था की स्थापना पर है, जिससे उन युवाओं को रोजग़ार के अवसर प्रदान किए जा सकें, जिनके पास बहुत प्रतिभा है परन्तु उसका इस्तेमाल का कोई साधन नहीं है। स. भगवंत मान ने कहा, ‘‘राज्य सरकार देश की सशस्त्र सेनाओं के लिए भविष्य के अधिकारी पैदा करने के उद्देश्य से पंजाब में सैनिक स्कूलों को लाने के लिए भी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।’’
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता ना करने पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 12 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे, जिससे पंजाब पुलिस को अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण मुहैया करवाने का मुद्दा उठाया जा सके। इसी तरह मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कंटीली तार से पार ज़मीनों वाले किसानों का मामला भी जल्द ही हल कर लिया जाएगा।
इस मौके पर विधायक (फाजि़ल्का) नरिन्दरपाल सिंह सवना, विधायक (जलालाबाद) जगदीप कम्बोज, विधायक (बल्लूआना) अमनदीप सिंह गोल्डी मुसाफिर, मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, डी.जी.पी. वी.के. भावरा, प्रमुख सचिव (योजना) राज कमल चौधरी, राज्यपाल के प्रमुख सचिव जे.एम. बालामुरूगन, फिऱोज़पुर डिवीजऩ के कमिश्नर डी.एस. मांगट, डिप्टी कमिश्नर हिमांशू अग्रवाल, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जनरल अभिजीत कपलिश, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) सागर सेतिया, एसडीएम रविंदर सिंह अरोड़ा, अमित गुप्ता, देवदर्श दीप सिंह भी उपस्थित थे।