CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा दुबे ने शहर में वीकेंड लॉकडाउन को गैरजरूरी और औचित्यहीन बताते हुए प्रशासन से कोरोना की रोकथाम के लिए अन्य विकल्पों को सख्ती से लागू करने की अपील की है। उन्होंने चंडीगढ़ के मौजूदा हालात व लॉकडाउन के दौरान स्टूडेंट्स की परीक्षाएं जारी रखने पर भी सवाल उठाए हैं।
लोगों को जागरूक करने पर जोर दे प्रशासन
आज मीडिया को जारी किए एक बयान में दीपा दुबे ने कहा कि मोदी सरकार लोगों के साथ अन्याय करने पर तुली हुई है। कोरोना की रोकथाम के लिए सप्ताह में 2 दिन का लॉकडाउन कोई स्थाई उपाय नहीं है। दीपा ने कहा कि पिछले साल के लॉकडाउन से अभी तक अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। लोगों को घर के अंदर बंद करना कोरोना का समाधान नहीं है, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए प्रशासन को हर सेक्टर, कॉलोनी और गांव में प्रभावी अभियान चलाना चाहिए, न कि दुकान और लोगों के रोजगार बंद करवाने चाहिए।
अन्य राज्यों ने बच्चों की परीक्षाएं कैंसिल कर दी, चंडीगढ़ में जारी
दीपा दुबे ने कहा कि प्रशासन के द्वारा वीकेंड लॉकडाउन समेत कई फैसले जल्दबाजी में लिए गए हैं। लगभग सभी राज्यों ने बच्चों की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं लेकिन चंडीगढ़ ही एक ऐसा उदाहरण है जहां पर कक्षा 9वीं और ग्यारहवीं की परीक्षाएं स्कूल में जाकर ऑफलाइन ली जा रही हैं। एक तरफ प्रशासन की तरफ से कोरोना से बचाव की दुहाई दी जा रही है और दूसरी तरफ चंडीगढ़ के छोटे बच्चों को परीक्षा के नाम पर कोरोना के मुंह में धकेला जा रहा है। दीपा दुबे ने कहा कि जब 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं तो क्या 9वीं और 11वीं के बच्चे, बच्चे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कल होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी गई है, यह कहकर कि यह परीक्षा सोमवार 19 तारीख को ली जाएगी। चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रश्न उठाया है कि वीकेंड लॉकडाउन से क्या कोरोना भाग जाएगा और क्या सोमवार को परीक्षा देने वाले बच्चों पर कोरोना आक्रमक नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे उपाय करे, जिससे लोगों का कोरोना से भी बचाव हो और लोगों के व्यवसाय, बच्चों की सेहत और गरीब-मजदूर की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर न पड़े।