3 तारीख तक इंतजार क्यों, किसानों से तुरंत बातचीत कर मांगें माने सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा

दीपेंद्र हुड्डा

हरियाणा से विपक्ष के एक मात्र सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बहादुरगढ़ पहुंचकर जाना किसानों का हालचाल और दिया समर्थन

CHANDIGARH: राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज बहादुरगढ़ में सेक्टर-9 मोड़ पर आंदोलनकारी किसानों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना और उनकी मांगों का पूर्ण समर्थन किया। इस दौरान सांसद दीपेन्द्र हुड्डा के साथ नगर परिषद बहादुरगढ़ की चेयरमैन शीला राठी भी मौजूद थीं। आंदोलनकारी किसानों ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा से बताया कि पीने के पानी, नहाने के पानी और शौचालय की दिक्कत हो रही है तो उन्होंने नगर परिषद् बहादुरगढ चेयरमैन शीला राठी को आंदोलनकारी किसानों के शौचालय, नहाने के पानी व पीने के पानी की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

यदि सरकार किसानों को 3 तारीख तक बैठाए रखना चाहती है तो उनके भोजन, आवास, चिकित्सा का सम्पूर्ण प्रबंध करे
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसान अपनी जायज मांग के साथ लोकतंत्र और संविधान के दायरे में शांतिप्रिय तरीके से केंद्र सरकार के द्वार पर आया है। अगर सरकार किसानों से अभी नहीं मिलना चाहती और सर्दी में 3 तारीख तक बैठाए रखना चाहती है तो वह आन्दोलन में शामिल सभी किसानों के लिए आवास, भोजन और चिकित्सा का सम्पूर्ण प्रबंध करे। उन्होंने आगे कहा कि एक तरफ तो सरकार कह रही है कोरोना काल में लोगों को इकठ्ठा नहीं होना चाहिए दूसरी तरफ, किसानों को 3 तारीख तक बैठाए रखना चाहती है। सरकार खुद कोरोना को बढ़ावा देने का काम कर रही है। लाखों किसान 3 तारीख तक सरकार का इंतज़ार करने को मजबूर हो जायेंगे। इससे किसान ही सर्दी में परेशान नहीं होंगे बल्कि दिल्ली की जनता भी परेशान होगी और कोरोना महामारी के बढऩे की संभावना भी बढ़ेगी। हरियाणा से विपक्ष के अकेले  सांसद होने के नाते उन्होंने सरकार से मांग करी कि सरकार किसानों को बातचीत का लॉलीपॉप न दे और 3 तारीख तक इंतजार न कराए। संवेदनशीलता दिखाए और बिना किसी देरी के किसानों को तुरंत बातचीत के लिए बुलाए, उनकी सभी मांगें जायज हैं उन्हें स्वीकार करे।

हरियाणा सरकार ने असंवेदनशीलता की सारी हदें पार कीं
उन्होंने कहा कि अपने जायज हकों की मांग के लिए संविधान और लोकतंत्र के दायरे में शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे किसानों से बर्बरता कर भी सरकार का मन नहीं भरा तो अब उनपर फर्जी मुकदमे लादे जा रहे हैं। हरियाणा सरकार ने असंवेदनशीलता की सारी हदें पार कर ली है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम होगी। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि दोहरापन छोड़कर सरकार किसानों पर दर्ज फर्जी मुकदमे तुरंत रद्द करे। सांसद दीपेन्द्र ने आगे कहा कि आज देश का हर वर्ग किसानों की मांगों और उनके आन्दोलन का समर्थन कर रहा है लेकिन हरियाणा सरकार किसानों का विरोध ही नहीं कर रही बल्कि उनके अधिकार छीनने, उनकी आवाज कुचलने के लिए हर जुल्म, ज्यादती भी कर रही। दुर्भाग्य है कि बातचीत की बजाय सरकार विशेषकर हरियाणा सरकार ने किसान को दबाने के कुप्रयास किए। पूरे हरियाणा को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सभी टोल प्लाजा, बॉर्डर पर भारी फोर्स लगायी गयी। किसानों के खिलाफ इतनी फोर्स पहले कभी नहीं देखी गई थी। इतना ही नहीं, सर्दी के इस मौसम में बुजुर्ग किसानों पर वाटर कैनन से पानी की बौछारें मारी जा रही है। उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या दिल्ली में अपराधी आ रहे हैं? सरकार किसानों के साथ किस तरह का बर्बर व्यवहार कर रही है?

एमएसपी से कम पर फसल खरीदने वाले के लिए सजा का प्रावधान जब तक नहीं होगा तब तक 3 कृषि कानूनों का कोई औचित्य नहीं
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि किसान की मांगें पूरी तरह जायज हैं। किसानों को अपना पेट भरने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और एमएसपी से कम पर खरीदने वाले के लिए सजा का प्रावधान जब तक नहीं होगा तब तक इन 3 कानूनों का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि किसानों की आँखों में तो पहले से ही आंसू हैं, उन पर आंसू गैस के गोले छोड़कर और आंसू क्यों निकालना चाहती है क्चछ्वक्क सरकार। किसान की आवाज़ दबायी नहीं जा सकती, कुचली नहीं जा सकती। केंद्र और हरियाणा सरकार का रवैया अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। सरकार का ये रवैया उसे भारी पड़ेगा। 

error: Content can\\\'t be selected!!