लायंस कम्पनी की पूरी टेंडर प्रक्रिया की जांच कराने की प्रशासक से की अपील
CHANDIGARH, 21 MAY: चंडीगढ़ नगर निगम में सफाई का ठेका संभाल रही लायंस कंपनी को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) ने आज कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है। आम आदमी पार्टी के नेताओं हरजिंदर बावा, प्रदीप भारद्वाज, जेजे सिंह, संदीप दहिया, येंकी कालिया, कुलदीप कुक्की, शादाब राठी, जयदीप मल्होत्रा, राजेश चौधरी, हरमेश कैम्बवाला, भारतभूषण अरोड़ा, सियाराम, उज्ज्वल भसीन व रविन्द्र भनोट ने एक संयुक बयान में कहा है कि कांग्रेस नगर निगम हाउस की पिछली मीटिंग में लायंस कंपनी के एजेंडे को क्यों डेफर करवाना चाहती थी, इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। पिछले छह सालों से लायंस कंपनी को टेंडर मिलता रहा व एक्सटेंड होता रहा, तब विपक्ष में बैठकर कांग्रेस के पार्षद मुंह में दही जमाकर क्यों बैठे रहे थे ? कांग्रेस के किस-किस पार्षद ने कंपनी को बढ़िया काम करने का सर्टिफिकेट दिया है, उनके नाम उजागर होने चाहिए।
AAP नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के पार्षद पिछले छह सालों में कंपनी को ब्लैक लिस्ट क्यों नही करा पाए ? कम्पनी को दोबारा काम देने के टेंडर को अब कांग्रेस के पार्षद डेफर कराना चाहते थे, इसमें कोई गहरी चाल लगती है, जिसकी जांच होनी चाहिए। AAP नेताओं ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक इस साल हुए टेंडर में पहले के छह सालों के टेंडर के मुकाबले हर महीने सवा करोड़ रुपए बचेंगे, जिसमें एरिया भी बढ़ाया गया है और कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधा भी, जबकि पिछले छह सालों में 90 करोड़ का घोटाला हुआ, इसकी जांच सीबीआई करे तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले 6 सालों में कौन-कौन से कांग्रेस व बीजेपी के पार्षदों ने कंम्पनी से पैसे लिए हैं, उसकी भी जांच होनी चाहिए। कम्पनी के टर्म एंड कंडीशन प्रक्रिया के फैसले का अधिकार कमिश्नर के पास है, ये खुद कमिश्नर ने बताया है और दूसरा इस पर कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें सभी पार्टियों के पार्षदों को शामिल किया जाएगा, बावजूद इसके बार-बार इस एजेंडे को डेफर करने की बात करना पूर्ण रूप से सन्देह पैदा करता है। AAP नेताओं ने कहा कि डेफर के माध्यम से कांग्रेस कहीं कंपनी को ब्लैकमेल तो नहीं करना चाहती थी? इसकी जांच होनी बहुत जरूरी है। घोटालों की जननी कांग्रेस को खुद आईने में देखना चाहिए। AAP नेताओं ने चंडीगढ़ के प्रशासक से अपील की है कि इस बार की टेंडर प्रक्रिया की पूर्ण रूप से जांच होनी चाहिए।