CHANDIGARH: चण्डीगढ़ के पूर्व कांग्रेसी मेयर प्रदीप छाबड़ा ने भाजपा, सांसद व मेयर से पूछा है कि आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि 31 मार्च 2022 के बाद पानी के बढ़े दामों का क्या होगा ? क्यों नहीं बढ़े हुए रेट्स की अधिसूचना वापस ली गई ?
2020 में एजेंडा पास होने पर कांग्रेस ने किया था जोरदार विरोध
छाबड़ा ने एक बयान जारी कर कहा कि मार्च 2022 तक तो महंगाई और बढ़ जाएगी। फिर नगर निगम का घाटा और गैप कैसे पूरा होगा। जिस बात की दुहाई देकर नगर निगम में भाजपा के पार्षदो ने पानी के रेट्स में बढ़ोत्तरी का एजेंडा पास कर प्रशासन के पास अप्रूवल के लिए भेजा, उसको लेकर भाजपा का क्या स्टैंड है, वह स्पष्ट करे। छाबड़ा ने कहा कि उस समय भी कांग्रेसी पार्षदो ने इस एजेंडे का जोरदार तरीके से निगम हाउस के अन्दर विरोध किया था। 2020 में उस समय पवन बंसल के नेतृत्व में नगर निगम के सामने धरना दिया गया था और कांग्रेस के वर्कर्स ने नगर निगम गेट पर ताला जड़ दिया था।
जब यही सब करना था तो भाजपा ने जनता पर बोझ ही क्यों डाला ?
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि नगर निगम में जब से भाजपा का मेयर बना है, भाजपा व नगर निगम आर्थिक तंगी का रोना रोते रहे हैं। छाबड़ा ने कहा कि बढ़े हुए रेट के हिसाब से पानी के जो बिल आए व लोगों ने चुका दिए, उनके लिए क्या पालिसी है, क्या बिल कम होकर आएंगे या भुगतान की गई राशि का एडजेस्टमेंट होगा। छाबड़ा ने कहा कि जब यही सब करना था तो जनता पर बोझ ही क्यों डाला गया। अब प्रशासन को अधिसूचना ही वापस लेनी चाहिए, न कि सिर्फ बढ़ी हुई दरों को स्थगित करना चाहिए। छाबड़ा ने कहा कि जब दिसंबर 2019 में पहली बार यह एजेंडा लाया गया था तब कांग्रेस ने विरोध किया था, जबकि बीजेपी के पार्षदों ने आंखें बंद कर इसे पारित कराया था। इस गलती को खुद बीजेपी के प्रधान ने माना है। अब यह सिर्फ क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं।