प्रदेश को 70 एमटी ऑक्सीजन का अतिरिक्त कोटा और मिला, उड़ीसा से ऑक्सीजन लाने के लिए एयर लिफ्ट करके भेजे गए टैंकर
CHANDIGARH: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना महामारी के पुन: बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ व्यवस्था प्रबन्धन कर रही है, चाहे वह ऑक्सीजन हो, डाक्टर हो, कोविड अस्पताल, वैक्सीनेशन केन्द्र, कन्टेनमेंट जोन, कोविड बैड की उपलब्धता हो।
मुख्यमंत्री आज यहां एक पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता 162 एमटी है और कल केन्द्र सरकार ने हरियाणा के लिए 70 एमटी अतिरिक्त ऑक्सीजन की स्वीकृति दी है। यह बढ़ी हुई मात्रा अगले दो से तीन दिन में उपलब्ध होनी शुरू हो जाएगी क्योंकि यह उड़ीसा से लाई जानी है । इसके लिए विशेष ट्रेन रवाना कर दी गई है। इसके अलावा, कुछ टेंकर एयर लिफ्ट करके भी उडीसा भेजे गये हैं। विदेशों से ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर भी पर्याप्त संख्या में मंगवाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संकट के समय में सभी प्रदेशवासियों व राजनीतिक दलों से अपील है कि हमें एकजुट होकर इस संकट से बाहर निकलना है। इसलिए निराशा का वातावरण न बनने दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक बैड्स की बात है, उन्होंने स्वयं कई जगह जाकर व्यवस्थाएं खुद देखी हैं। पानीपत में 500 बैड का अस्पताल निर्माणाधीन है, जिसके साथ ही ऑक्सीजन का प्लांट है। हिसार के जिंदल स्कूल में 500 बैड का अस्पताल, पीजीआई रोहतक में 650 नये बैड की व्यवस्था की गई है, इनमें से 150 बैड्स चालू हो गये हैं। फरीदाबाद में 100 बैड की व्यवस्था की जा रही है। गुरुग्राम में एक प्राइवेट कम्पनी के गैस्ट हाउस में 250 बैड की व्यवस्था की जा रही है। सेना ने भी फरीदाबाद के मैडिकल कॉलेज के लिए डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध करवाने की पेशकश की है। इसके अलावा, एमबीबीएस अंतिम वर्ष एवं पीजी मैडिकल कोर्स कर रहे विद्यार्थियों को भी इलाज के लिए तैनात किए जाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही, प्रशासनिक सेवा में कार्यरत ऐसे अफसर जिन्होंने एमबीबीएस एवं अन्य मैडिकल शिक्षा प्राप्त की है, उन्हें भी इस संकट काल में अस्पतालों में आवश्यकतानुसार भेजे जाने की व्यवस्था की जा रही है। कई एनजीओ और वॉलंटियर्स भी आगे आ रहे हैं।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के कारण आर्थिक चक्र प्रभावित होता है, जिसे पुन: पटरी पर लाने में समय लगता है, इसलिए उद्योगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चलाये जाने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की बजाय धारा 144 का सख्ती का पालन करवाने के लिए उपायुक्तों को निर्देश दिए गये हैं। किसी भी स्थान पर भीड़ न हो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक अमला लगा हुआ है। शादी-विवाह आदि सामाजिक कार्यक्रम भी बिना अनुमति के नहीं करवाए जा सकते। उन्होंने लोगों से अपील की कि अनुमति के बावजूद कोविड प्रोटोकोल के तहत निर्धारित संख्या में ही कार्यक्रमों का आयोजन करें।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पिछले दिनों जब वे रोहतक दौरे पर थे तो कोरोना के कारण हो रही मौतों के बारे में उनके बयान को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश गया। उन्होंने कहा कि मैं आमतौर पर खुलकर बोलता हूं और कभी लीपापोती की भाषा इस्तेमाल नहीं करता । उन्होंने कहा कि एक परिवार में किसी की मृत्यु होती है तो जाने वाले का हर किसी को दुख होना स्वाभाविक है। मैं पूरे प्रदेश को अपना परिवार मानता हूं । जब प्रदेश में कोई एक भी मौत होती है तो उसका भी मुझे दुख होता है। हमें प्रदेश के हर नागरिक को इस महामारी से बचाने का काम करना है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक मतभेद भुलाकर पूरे समाज को एक साथ मिलकर इस आपदा से पार पाना है। उन्होंने कहा कि हर परिवार को फस्र्ट एड का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि किसी भी परिस्थिति का सामना किया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में न तो ऑक्सीजन की और न ही जीवन रक्षक इंजैक्शन व दवाइयों की कोई कमी है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि डाक्टर के परामर्श के बाद ही रेमडीसीवर और अन्य इंजेक्शन लें। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का भी मानना है कि कोरोना संक्रमण होने के बाद छ:-सात दिन तक ही रेमडिसीवर इंजेक्शन कारगर रहता है। उन्होंने कहा कि इस इंजैक्शन की 3000 डोज सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं। निजी अस्पतालों के लिए उपलब्ध स्टॉक के वितरण में कुछ समस्याएं हैं जिसके समाधान के लिए अलग से अधिकारी नियुक्त किए गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की यह लहर पिछले वर्ष की तरह नहीं है। पिछले वर्ष प्रतिदिन 3100 मरीजों का अधिकतम आंकडा आया था और फरवरी आते-आते यह काफी कम हो गया था। पिछले तीन से चार दिन में प्रदेश में प्रतिदिन 10 से 12 हजार नये कोविड मरीज आ रहे हैं। इसी संख्या को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जबकि पहले अधिकतम 3100 मरीजों की प्रतिदिन संख्या को देखते हुए व्यवस्थाएं की गईं थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 18 वर्ष के अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ हुआ है। रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 30 अप्रैल तक सामने आएगा। इस वैक्सीनेशन अभियान के लिए 50 लाख डोज का ऑर्डर दिया जा चुका है, इस पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह वैक्सीनेशन अभियान सीएचसी, पीएचसी, डिस्पेंसरी एवं अन्य संस्थाओं के अस्पतालों में चलाया जाएगा। रजिस्ट्रेशन करने वालों के पास मोबाइल पर स्थान और दिन का मैसेज जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि निर्धारित तिथि और स्थान पर जारकर वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने कहा कि कोविड से जुड़ी सभी जानकारियों के लिए 1075 हैल्पलाइन नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिदिन प्रदेश में कोरोना की टैस्टिंग 40 से 50 हजार की जा रही है। मैगा अभियान चलाकर एक दिन में एक लाख तक भी सैम्पल टैस्ट किए गये हैं। उन्होंने मीडिया से भी अपील की कि वे समाज में सकारात्मक वातावरण बनाने के लिए सहयोग करें। कोविड एक प्राकृतिक आपदा है। हालांकि नये मरीजों की संख्या के मुकाबले 75 प्रतिशत मरीज रोज ठीक होकर घर जा रहे हैं। यह प्रतिशत जल्द और सुधरेगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मृत्यु दर 1.1 प्रतिशत थी, जो अब 0.88 प्रतिशत है, यह कई प्रदेशों के मुकाबले बेहतर है।
दिल्ली से आए मरीजों के कारण भी बढ़ा अस्पतालों पर दवाब
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी में कहीं से भी आने वाले मरीज को हम इलाज देने से मना नहीं कर सकते, चाहे वह दिल्ली से हो या अन्य किसी प्रदेश से। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत के अस्पतालों में दिल्ली से आए मरीजों के कारण भी ज्यादा दवाब बढ़ा। यहां तक कि अम्बाला तक के अस्पतालों में भी दिल्ली से आए मरीजों का इलाज किया जा रहा है। दिल्ली में अब नये मरीजों की संख्या कम हो रही है। हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही हमारे यहां भी यह संख्या कम होगी और जल्द ही हम स्थिति पर काबू पा लेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों से अपील की कि वे कोविड दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें ताकि इस आपदा पर पार पाया जा सके। इसी को ध्यान में रखकर शाम 6 बजे से बाजार आवश्यक वस्तुओं की दुकानों के अलावा अन्य बाजार बंद करने और धारा 144 भी सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गये हैं। पिछले वर्ष माईक्रो कन्टेनमैंट जोन बनाए गये थे, लेकिन इस बार मैक्रो कन्टेनमैंट जोन बनाए गये हैं ताकि व्यवस्थाओं को ठीक से सम्भाला जा सके। इस अवसर पर सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल और मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल मीडिया एडवाइजर विनोद मेहता के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।