व्यापार मंडल ने गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें बंद करने का किया विरोध, व्यापारियों के लिए राहत पैकेज मांगा

CHANDIGARH: चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कल से शहर में गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें पूर्ण रूप से बंद रखने के फैसले पर चंडीगढ़ व्यापार मंडल ने असंतोष व नाराजगी जताते हुए प्रशासन पर व्यापारियों के प्रति बेरुखी दिखाने का आरोप लगाया है।

व्यापारी समुदाय आज खुद को बहुत उपेक्षित महसूस कर रहा

चंडीगढ़ व्यापार मंडल के अध्यक्ष चरनजीव सिंह व संगठन के मुख्य प्रवक्ता दिवाकर साहूजा ने एक संयुक्त बयान जारी कर चंडीगढ़ प्रशासन के ताजा फैसले को व्यापारियों के विरुद्ध बताया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 50% क्षमता के साथ काम करने के लिए बैंकों और कार्यालयों को तो छूट दे दी लेकिन गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानों पर हथौड़ा चला दिया है। चंडीगढ़ का व्यापारी समुदाय आज खुद को बहुत उपेक्षित महसूस कर रहा है, जबकि दुकान मालिकों ने पहले ही सरकार को एंटी कोरोना वायरस उपायों का पालन करने का आश्वासन दिया था, जो दुकानों के अंदर सीमित ग्राहकों को भी अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि पहले से ही अधिकांश दुकानदार सैनेटाइजर लिए अपने कर्मचारी को प्रवेश द्वार पर खड़ा रखते हैं और बिना मास्क के ग्राहकों को अंदर आने की अनुमति नहीं देते हैं।

सभी दुकानों को 50% कर्मचारियों की क्षमता के साथ काम करने की अनुमति मिले

चरनजीव सिंह व दिवाकर साहूजा ने कहा कि चंडीगढ़ व्यापार मंडल शहर में सभी दुकानों को खुला रखने की मांग करता है, जब तक कि शहर में पूरी तरह से कर्फ्यू न लगाया जाए। मौजूदा हालात में सभी दुकानों को कर्मचारियों की क्षमता के आधे हिस्से के साथ काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

उच्च स्तर पर मामले को उठाएगा व्यापार मंडल

दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि चंडीगढ़ व्यापार मंडल केंद्रीय गृह मंत्रालय, प्रशासन तथा सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के अध्यक्ष के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगा तथा मांग करेगा कि कोरोनाकाल में एक बार फिर पाबंदियों से प्रभावित हो रहे व्यापारियों तथा उनके स्टाफ के लिए तुरंत राहत पैकेज की घोषणा की जाए।

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