सीएम ने कहा- कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए रास्ते खुलवाना प्राथमिकता
CHANDIGARH: दिल्ली से लगते सिंघू और टीकरी बॉर्डर के आसपास के 20 से अधिक गांवों के लोगों ने आज यहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर बॉर्डर पर बंद रास्तों के कारण आ रही दिक्कतों के संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उनकी समस्याओं को सुनने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखते हुए बॉर्डर के रास्ते खुलवाने का पूरा प्रयास कर रही है। इस दौरान हरियाणा के परिवहन मंत्री श्री मूलचंद शर्मा और मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल भी मौजूद रहे।
राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से जल्द रास्ते खुलवाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा ध्येय माहौल को ठीक बनाए रखते हुए रास्ते खुलवाना है। आज ही सुप्रीम कोर्ट ने रास्ते खुलवाने वाली याचिका में सयुक्त किसान मोर्चा को पार्टी बनाए जाने को कहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारी और दुकानदारों को हो रहे नुकसान को लेकर वे भी चिंतित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों से होकर गुजरने वाली लिंक सड़कों को ठीक करवाने के लिए संबंधित विभागों को आदेश देकर प्राथमिकता से काम कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि 4 अक्टूबर को इस संबंध में कोर्ट का फैसला आने की उम्मीद है, इसके बाद वे केंद्रीय गृह मंत्री से मिलेंगे और जल्द ही स्थिति सामान्य होंगी।
क्षेत्र की जनता में आक्रोश
बंद रास्तों के कारण हो रही परेशानी से बॉर्डर क्षेत्र के लोगों में बेहद आक्रोश है। ग्रामीणों ने एक-एक करके अपनी परेशानियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रास्ते बंद होने से वे बर्बादी की कगार पर आ गए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी की परेशानी सुनकर उन्हें जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया।
कई हजार छोटे दुकानदारों का काम-धंधा ठप
ग्रामीणों के साथ-साथ आसपास के छोटे दुकानदारों ने भी अपनी परेशानी को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बॉर्डर के पास दुकानदारों और शोरूम मालिकों के काम-धंधे पूरी तरह ठप हो गए हैं। हालात ये है कि कामकाज ठप होने के कारण लोगों के सामने पलायन करने की स्थिति आ गई है।
आए दिन हो रही मारपीट
ग्रामीणों ने कहा कि रास्ते बंद किए बैठे लोग स्थानीय निवासियों के जी का जंजाल बन गए हैं। आए दिन मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। रात के समय स्थानीय लोगों का वहां से आना-जाना दुश्वार हो गया है। ग्रामीणों ने दिन और रात दोनों वक्त पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की पेट्रोलिंग तुरंत बढ़ाई जाएगी।
बच्चों का स्कूल जाना हुआ बंद
ग्रामीणों ने कहा कि बॉर्डर पर रास्ते बंद होने से आसपास के गांवों के बच्चों का स्कूलों में जाना लगभग बंद हो गया है। इससे बच्चों का भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है।
आपात स्थिति में समय से अस्पताल न पहुंचने से कई की हुई मौत
एक ग्रामीण ने रोते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष बताया कि आपातकालीन स्थिति में अस्पताल न पहुंचने से भी कई मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसा भी नहीं है कि रात में किसी की हालत बिगड़े तो उसे आसानी से अस्पताल पहुंचाया जा सके।
ट्रांसपोर्टरों का काम भी हुआ ठप
प्रतिनिधिमंडल में शामिल कई ट्रांसपोर्टरों ने बताया कि रास्ते बंद होने के कारण ट्रांसपोर्ट का काम बिल्कुल ठप हो गया है। मुख्य रास्ता बंद है, वहीं आसपास के रास्तों की हालत इतनी खराब है कि आए दिन गाड़ियों में नुकसान होता है। रास्ता बंद किए बैठे लोग झगड़ा करते हैं।