CHANDIGARH, 7 JAN: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने शनिवार को पंजाब राज्य औद्योगिक निर्यात निगम ( पी.एस.आई.ई.सी.) के कार्यकारी डायरैक्टर एस. पी सिंह को गिरफ़्तार कर लिया है, जिस पर निगम के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलीभुगत करके रियलटर फर्म ‘गुलमोहर टाउनशिप प्राईवेट लिमटिड’ को एक औद्योगिक प्लाट के तबादले/विभाजन करने सम्बन्धी अनावश्यक लाभ पहुँचाने और सरकारी खजाने को भारी नुक्सान पहुँचाने के दोष अधीन मुकदमा दर्ज है। उसे कल स्थानीय अदालत में पेश किया जायेगा।
यह जानकारी देते हुये आज यहाँ राज्य विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस आपराधिक मामले में पूर्व उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा और निगम के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध मोहाली स्थित एक औद्योगिक प्लाट में टाउनशिप स्थापित करने के लिए गुलमोहर टाउनशिप नाम की फर्म के नाम पर तबदील करने और प्लाटों में बाँटने की मंजूरी देने के दोष अधीन केस दर्ज किया गया है। इस केस में उक्त मुलजिमों के इलावा गुलमोहर टाउनशिप के तीन मालिकों/ भाईवालों को भी नामज़द किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में विजीलैंस ब्यूरो ने गुरूवार को पी. एस. आई. ई. सी. के 7 दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को गिरफ़्तार करके तीन दिनों का पुलिस रिमांड ले लिया है। इन दोषियों में अंकुर चौधरी अस्टेट अफ़सर, दविन्दरपाल सिंह जीऐम ( परसोनल), जे. एस भाटिया मुख्य जनरल मैनेजर (योजना), आशिमा अग्रवाल ए.टी. पी. (योजना), परमिन्दर सिंह कार्यकारी इंजीनियर, रजत कुमार डी. ए. और सन्दीप सिंह एस. डी. ई. शामिल हैं, जिन्होंने मिलीभुगत के साथ उपरोक्त रियलटर फर्म को अनावश्यक लाभ पहुँचाने में सहायता की। इन दोषियों में शामिल तेजवीर सिंह डीटीपी की पिछले समय के दौरान मौत हो गई जबकि भाई सुखदीप सिंह सिद्धू और रियलटर फर्म के डायरैक्टरों जगदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह और राकेश कुमार शर्मा की गिरफ़्तारी होनी बाकी है।
इस मामले सम्बन्धी पी. एस. आई. ई. सी. के उक्त सभी दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों और पूर्व मंत्री के इलावा गुलमोहर टाउनशिप के तीन डायरैक्टरों के विरुद्ध विजीलैंस ब्यूरो के थाना एस. ए. एस. नगर में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1) (ए), 13 (2) और भारतीय दंड संहिता धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120 बी के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान अन्य व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जायेगी