विचार-मंथनः राजनीति का नया स्वरूप दंगा पॉलिटिक्स

क्या सरकार का डर खत्म हो गया? क्या वे नहीं जानते कि सरकार कठोर कार्रवाई करेगी? सोशल मीडिया में तो लोग यहां तक कहने लगे हैं कि शुक्रवार को पत्थरबाजी का दिन और शनिवार को बुलडोजर का दिन घोषित कर दिया जाना चाहिए। फिर भी इन लोगों के हौसले बुलंद हैं। इसे क्या समझा जाए? […]

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विचार-मंथनः घोटालों के बादल और चुनावी हिंसा

घोटाले चुनावी मौसम में ही सामने आते हैं और फिर पांच साल के लिए लुप्त हो जाते हैं पश्चिम बंगाल में चुनाव की औपचारिक घोषणा के साथ ही राजनीतिक पारा भी उफान पर पहुंच गया है। देखा जाए तो चुनाव किसी भी लोकतंत्र की आत्मा होते हैं। सैद्धांतिक रूप से तो चुनावों को लोकतंत्र का

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विचार-मंथनः शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत

अहिंसा के मंत्र से दुनिया को अवगत कराने वाला भारत आज एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर मजबूती के साथ उभर रहा है। बिना हथियार उठाए आजादी हासिल करने वाला गांधी का यह देश आज आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के सहारे हथियारों का निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। वो भारत जो कल तक दुनिया

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विचार-मंथनः सभ्य समाज में ऐसी राजनीति स्वीकार्य नहीं

ANews Office: महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त भूचाल आया हुआ है। जिस प्रकार से बीएमसी ने अवैध बताते हुए नोटिस देने के 24 घंटों के भीतर ही अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर बुलडोजर चलाया और अपने इस कारनामे के लिए कोर्ट में मुंह की भी खाई, उससे राज्य सरकार के लिए भी असहज

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कोरोना काल में हरी चाय से कैसे बढ़ाएं प्राण शक्ति या इम्युनिटी ?

ANews Office: चीन में जब चाय की खोज हुई, उस समय किसने सोचा होगा कि कभी ये जंगली पत्तियां, जिन्हें पशु चरकर एक्टिव हो जाते थे, एक दिन कैंसर से बचने, कोरोना से लड़ने और चिर-यौवन प्राप्ति में सहायक होंगी। ग्रीन टी का उपयोग दिनों दिन बढ़ता जा रहा है लेकिन यदि आप इसका प्रयोग ऐसे

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विचार-मंथनः मौत में अपना अस्तित्व तलाशता मीडिया !

ANews Office: आजकल जब टीवी ऑन करते ही देश का लगभग हर चैनल ‘सुशांत केस में नया खुलासा’ या फिर ‘सबसे बड़ी कवरेज’ नाम के कार्यक्रम दिनभर चलाता है तो किसी शायर के ये शब्द याद आ जाते हैं, ‘लहू को ही खाकर जिए जा रहे हैं, है खून या कि पानी, पिए जा रहे हैं।’

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