विकास प्रभाकर की हत्या की जांच एनआईए से कराने के लिए केंद्रीय गृह सचिव से मिले विहिप नेता
CHANDIGARH, 27 APRIL: विश्व हिंदू परिषद के एक प्रतिनिधिधिमण्डल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात कर विहिप, पंजाब प्रांत की नंगल इकाई के अध्यक्ष विकास प्रभाकर की गत दिनों आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या की घटना की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। विहिप चण्डीगढ़ के विभाग मंत्री प्रदीप शर्मा, चण्डीगढ़ के अध्यक्ष सुरेश राणा व प्रचार-प्रसार प्रमुख पंकज शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिनिधिमंडल में संस्था के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार, महासचिव बजरंग बागड़ा, संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन और पंजाब प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष हरप्रीत सिंह गिल आदि शामिल थे। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय सचिव ने इस विषय को गंभीरता से ले लिया और आश्वासन दिया कि इस विषय की गंभीरता के साथ जांच कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि पंजाब के नंगल शहर में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष श्री विकास प्रभाकर की 13 अप्रैल को बैसाखी के दिन दिनदहाड़े दो लोगों द्वारा भीड़ भरे बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पंजाब पुलिस के किए दावे अनुसार 16 अप्रैल को दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह एक आतंकी मॉड्यूल है, जो पडोसी मुल्क और अन्य स्थानों से संचालित होने वाले विदेशी संचालकों द्वारा संचालित है।
ज्ञापन में कहा गया है कि रिपोर्ट्स के मुताबिक बब्बर खालसा ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। पंजाब में पहले भी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें हिंदू नेताओं की हत्या की गई है व मंदिरों पर भी हमले की कई घटनाएं हो चुकी हैं। विहिप का मानना है कि हिंदू और सिख समुदाय के बीच वैमनस्यता पैदा करने और पंजाब में रहने वाले हिंदू समाज में भय पैदा करने के लिए इस तरह की आतंकवादी घटनाएं की जा रही हैं। इस प्रकार, यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है, जो पाकिस्तान से पूरी तरह संबंधित है। जाहिर तौर पर पंजाब पुलिस इस जांच को आगे बढ़ाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है।
इन नेताओं के मुताबिक विकास प्रभाकर की हत्या और बाकी सभी हत्याएं आपस में जुड़ी हुई हैं। अगर विकास की हत्या की गहराई से जांच हो तो ये सभी साजिशकर्ता ताकतें बेनकाब हो सकती हैं,और पंजाब जैसे संवेदनशील सूबे का माहौल खराब करने की साजिशों से मुक्ति मिल सकती है। इसलिए विकास प्रभाकर की हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा की जाए ताकि पाकिस्तान और अन्य विदेशी भूमि से होने वाले आतंकवाद और भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाले इस कृत्य की पूरी और सक्षम जांच की जा सके और देश विरोधी ताकतों को बेनकाब किया जा सके।