CHANDIGARH, 28 JUNE: नगर निगम द्वारा एडवरटाइजमेंट कंट्रोल आदेश के तहत दुकानदारों विशेषकर सेक्टर-27 की जनता मार्केट में दिए गए भारी-भरकम जुर्माने के नोटिसों को लेकर उद्योग व्यापार मण्डल (UVM) चंडीगढ़ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज पूर्व पार्षद देविंदर सिंह बबला के साथ UVM अध्यक्ष कैलाश चंद जैन के नेतृत्व में मेयर सरबजीत कौर ढिल्लों से मुलाकात की व UVM की तरफ से ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में पालिका बाजार मार्केट के प्रधान नरेश कुमार जैन, सदर बाजार सेक्टर-19 के प्रधान विजय पाल सिंह चौधरी , जनता मार्केट सेक्टर-27 के प्रधान सुरेंद्र सिंह दुआ और मार्केट कार्यकारिणी सदस्य तरणजीत सिंह सहित अन्य दुकानदार शामिल थे।
इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने मेयर को बताया कि दुकानदारों को डिस्प्ले बोर्ड लगाने के एवज में भारी-भरकम जुमाने के नोटिस भेजे जा रहे हैं, जबकि यह बोर्ड विभिन्न कंपनियों के हैं तथा उन्हीं की एडवरटाइजमेंट हो रही है। इसलिए नोटिस दुकानदारों को न भेजकर कंपनियों को भेजा जाना चाहिए। जुर्माना व एडवरटाइजमेन्ट फीस भी उन्हीं कम्पनियों से वसूली जानी चाहिए, जिनकी एडवरटाइजमेन्ट के बोर्ड लगे हैं, दुकानदारों को बेवजह बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए।
UVM अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन ने कहा जिन दुकानदारों ने दुकानों के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगाने की निर्धारित जगह पर ही अपनी दुकान के बोर्ड लगाए हुए हैं, भले ही वे किसी कंपनी के हों और अगर उक्त दुकानदार संबंधित कंपनी का सामान बेचता है तो उस बोर्ड को लगाने का दुकानदार को पूरा हक होना चाहिए। कैलाश जैन ने यह भी मांग की कि जो गलत बोर्ड लगे भी हुए हैं, उनको उतारने के लिए दुकानदार को बिना किसी एडवरटाइजमेंट फीस के पहले बोर्ड उतारने के लिए वॉर्निंग नोटिस देना चाहिए। दुकानदार को बोर्ड उतारने के लिए कम से कम 10 दिन का समय दिया जाना चाहिए और अगर इसके बावजूद दुकानदार बोर्ड नहीं उतारता है तो उस हालात में वार्निंग नोटिस की समय अवधि के समाप्त होने के बाद के दिन से बोर्ड उतारने तक के पीरियड की फीस का डिमांड नोटिस दिया जाना चाहिए। पूर्व पार्षद देविंदर सिंह बबला ने मांग की कि दुकानदार पर अथवा किसी किसी भी व्यक्ति पर कार्रवाई करने से पहले उसको अपना पक्ष रखने का मौका अवश्य दिया जाना चाहिए। एकतरफा फैसला नहीं होना चाहिए।
मेयर ने प्रतिनिधिमंडल की बात को ध्यान से सुनकर इस मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। तत्पश्चात प्रतिनिधिमंडल ने एडिशनल कमिश्नर राहुल गुप्ता से भी मिलकर इन विषयों पर उनका ध्यान आकर्षित किया व व्यापारियों को राहत देने की मांग की, जिस पर एडिशनल कमिश्नर राहुल गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों से सहमति जताते हुए आश्वासन दिया कि गलत नोटिस को वापस लिया जाएगा।