CHANDIGARH, 26 DECEMBER: चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रशासक की सलाहकार परिषद में उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ के प्रतिनिधि को शामिल न किए जाने पर UVM ने रोष प्रकट किया है। UVM के अध्यक्ष कैलाशचंद जैन, प्रेम कुमार, महिंद्र बंसल, नरेश जैन, वीरेंद्र गुलेरिया, सुशील जैन, विजय सांगवान व अशोक कपिला का कहना है कि हाल ही में प्रशासक की सलाहकार परिषद का पुनर्गठन किया गया है लेकिन खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ को इसमें प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है, जबकि उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ एक गैर राजनीतिक व्यापारी कल्याण संस्था के रूप में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत आधिकारिक रुप से पंजीकृत संस्था है।
व्यापारी नेताओं ने कहा कि इस संस्था में शहर के व्यापारिक समुदाय के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व शामिल है। इसके सदस्यों में सभी प्रकार के व्यापारी, छोटे व्यापारी और उद्योगों के समूह शामिल हैं। यह संगठन सभी प्रकार के व्यापारियों के हितों की रक्षा करने का प्रतिनिधित्व करता है। समय-समय पर व्यापारियों के मुद्दे उठाता रहता है तथा प्रशासन द्वारा उनका संज्ञान भी लिया जाता रहा है। व्यापारियों विशेषकर छोटे व्यपारियो के मुद्दे उठाने में UVM हमेशा अग्रणी रहा है। इसके अलावा हमारा संगठन अखिल भारतीय स्तर पर व्यापारियों के शीर्ष संस्थानों, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल तथा CAIT, अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ से संबद्ध है, जबकि इसके विपरीत कुछ अन्य व्यापारी संगठन, जो पंजीकृत भी नहीं हैं अथवा जिनमें व्यापारियों का प्रतिनिधित्व काफी कम है, उन्हें सलाहकार परिषद में प्रतिनिधित्व दिया गया है।
UVM नेताओं ने मांग की है कि जिस प्रकार चंडीगढ़ के प्रशासक की सलाहकार परिषद में कुछ व्यापारी कल्याण संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल किए गए हैं, उन्हीं की तरह उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ को भी प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।