केंद्रीय मंत्री तोमर ने इंडिया इंटरनेशनल फूड एंड एग्री वीक का किया शुभारंभ

क्रांतिकारी कृषि कानूनों का एमएसपी व मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा: तोमर

भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, भारत के खाद्य बाजार का 32% होने के साथ ही देश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है

CHANDIGARH/NEW DELHI:  भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल फूड एंड एग्री वीक का शुभारंभ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, ग्रामीण विकास तथा पंचायत राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को किया। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए क्रांतिकारी कृषि कानूनों का देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मौजूदा मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि किसानों को स्वंतत्रता मिलने व वैकल्पिक बाजार उपलब्ध होने से अब किसान अपनी उपज मंडी परिसर के बाहर भी, किसी को- कहीं भी- कभी भी उचित दाम पर बेच सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकेंगे।

एग्रो एंड फूड टेक के 14वें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि भारत सरकार कृषि एवं खाद्य क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए अनेक सुधार और पहल की गई हैं। नए रिफाम्र्स के अंतर्गत ‘एक देश-एक बाजार’ तथा फार्म-गेट अधोसंरचना के माध्यम से आमूलचूल बदलाव आएगा और किसानों की आय बढ़ेगी। नए कृषि कानून से किसानों के हित में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। कतिपय लोग अपने निजी स्वार्थों के चलते भ्रम फैला रहे हैं, गुमराह करने की असफल कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारे देश के जागरूक किसान भाई उनकी ये चालें बखूबी समझते हैं। एमएसपी व मंडी प्रणाली जारी रहने के साथ ही नए प्रावधान के तहत संविदा खेती का जो करार होगा, वह केवल किसानों की फसल के लिए ही होगा, जमीन किसानों की अपनी ही रहेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्यान व किराना बाजार विश्व का छठां सबसे बड़ा है। भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, देश के खाद्य बाजार का 32 त्न होने के साथ ही देश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। युवाओं द्वारा ज्यादा उपभोग की आदतें इसे और भी बड़ा बना रही हैं ।

तोमर ने सीआईआई के, कृषि क्षेत्र में दृष्टिकोण और प्रयासों की सराहना की और कहा कि ये वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के साथ गठबंधन कर रहे हैं। विश्व खाद्य दिवस के इस मौके पर उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने ‘अन्न देवो भव:’ पर जागरूकता अभियान भी शुरू किया है।इस अभियान का उद्देश्य किसानों का सम्मान करना और भोजन की बर्बादी को कम करने के लिए आम जनता में जागरूकता पैदा करना है।

तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार देश को एक लचीली खाद्य अर्थव्यवस्था और दुनिया की खाद्य फैक्ट्री बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 23.9त्न की गिरावट आई। हालांकि, कृषि एकमात्र ऐसा क्षेत्र बना रहा जिसने सकारात्मक 3.4त्न वृद्धि दर दर्ज करके भारतीय अर्थव्यवस्था को गति दी। यदि कृषि क्षेत्र ने भारतीय सकल घरेलू उत्पाद का प्रदर्शन नहीं किया होता तो शायद और गिरावट दर्ज की जाती।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रूपएके पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। तोमर ने कहा कि हमें अपने देश के किसानों पर गर्व है और उनकी मेहनत के कारण देश में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है, देशवासियों की जरूरतें पूरी हो रही हैं, खाद्यान्न सरप्लस है। भारत सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के माध्यम से मेगा फूड पार्क योजना के तहत वित्त पोषित 37 फूड पार्कों को मंजूरी दी है, जिनमें से 20 चालू हो चुके हैं।

सीआईआई एग्रो एंड फूड टेक 2020 के अध्यक्ष अजय एस श्रीराम ने कहा,”1994 में अपनी स्थापना के बाद से, सीआईआई एग्रो टेक ने दुनिया भर के कृषि व्यवसाय समुदायों को एक साथ लाया है। वर्तमान मौजूदा स्थिति को देखते हुए, एग्रो टेक इंडिया के 14वें संस्करण को अब ‘ एग्रो एंड फूड टेक ‘इंडिया इंटरनेशनल फूड एंड एग्री वीक ‘के रूप में नामित किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारी कृषि बिरादरी और कृषि उद्योग के हितधारकों को कृषि और संबंधित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति की महत्वपूर्ण जानकारी और ज्ञान से वंचित नहीं किया जा सके।चावल मूल्य श्रृंखला में, हरियाणा में किसान ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की शुरुआत से लाभान्वित हो रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप निर्यात में वृद्धि हुई है। कंपनी 2024 तक 5000 किसानों को इस पहल को बढ़ाने की योजना बना रही है।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा,’चूंकि भारत सरकार ने 2022 तक कृषि आय दोगुनी करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है, इसलिए तदनुसार सीआईआई ने इस विजन को साकार करने की दिशा में कृषि में अपनी गतिविधियों को संरेखित किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल में लाए गए कृषि सुधार सही दिशा में उठाया गया कदम है और इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन मार्केट की अवधारणा देश में कृषि विपणन में एक नया अध्याय लिखेगी।

उन्होंने कहा कि हमने इस आयोजन के लिए खाद्य और कृषि में प्रौद्योगिकी के रूप में विषय को अपनाया है। किसानों की आय में वृद्धि ।वर्तमान में यात्रा से संबंधित प्रतिबंधों को देखते हुए सेवाओं और बाजार संपर्कों के लिए डिजिटल वितरण पोर्टल विकसित किया जा रहा है ।इस कार्यक्रम से 2021 तक 50,000 से अधिक किसान परिवारों और 2023 तक 200,000 किसान परिवारों पर प्रभाव पडऩे की उम्मीद है। वर्ष 2020 के कार्यक्रम के तहत प्राथमिकता दी गई मूल्य श्रृंखलाओं में से कुछ चावल, मक्का, सोयाबीन, दालें, केला, टमाटर, आलू, मसाले, मिर्च हैं।सीआईआई कृषि में नेक्स्ट जेन तकनीक को अपनाने के लिए एक रोडमैप बनाने पर भी काम कर रहा है- डिजिटल कृषि, कृषि-जैव प्रौद्योगिकी, एग्रोबोटिक्स और कृषि-नैनो टेक्नोलॉजी।

सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा कि कृषि, भूमि उपयोग और पानी पर ध्यान केंद्रित करने के साथ भारत में उत्पादन में काफी सुधार हुआ है।बढ़ी हुई मूल्य वर्धन और कम बर्बादी के लिए, बाजारों को सही लिंकेज प्रदान करना महत्वपूर्ण है।इसी दिशा में भारत सरकार ने निर्यात पर ध्यान केंद्रित करते हुए चैंपियन क्षेत्रों की पहचान की है और सीआईआई खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित 3 चैंपियन क्षेत्रों पर काम चला रहा है7

कृषि उत्पाद (नारंगी, आलू और आम पर विशेष ध्यान); खाने और मछली पालन के लिए तैयार है। सरकार और उद्योग निर्यात से संबंधित मुद्दों को हल करने और वैश्विक बाजारों में हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से संलग्न हैं ।उन्होंने कहा कि भंडारण सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। भंडारण न होने के कारण किसान कम कीमत पर उपज बेचता है और उपभोक्ता उसे महंगे दाम पर खरीदता है। इस असंतुलन को खत्म करना होगा।

सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष निखिल साहनी ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव है और इससे हमारी आधी से अधिक आबादी को आजीविका उपलब्ध है। इस वर्ष महामारी की स्थिति के कारण हम वर्चुअल प्लेटफॉर्म, सीआईआई छत्ता पर इस मेगा इवेंट का आयोजन कर रहे हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नवाचार और प्रौद्योगिकी कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को उच्च उत्पादकता और दक्षता की दिशा में चलाएं।

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