CHANDIGARH, 31 JULY: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि यह कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज़ों के पक्ष में खड़े होने वाले गद्दारों के वारिस अब शहीदों पर उंगली उठा रहे हैं। यहाँ रविवार को शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी धरती के लिए महान शहीदों के योगदान पर किसी को भी उंगली उठाने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह कितनी बदकिस्मती की बात है कि जिन्होंने सत्ता का सुख भोगने के लिए संविधान की कसमें खाईं, वही शहीदों के महान बलिदान पर सवाल उठा रहे हैं। भगवंत मान ने लोगों को याद करवाया कि जब हमारे महान राष्ट्रीय नायकों और शहीदों ने अत्याचारी ब्रिटिश शासन के विरुद्ध जंग छेड़ी हुई थी, तब कुछ गद्दार इन साम्राज्यवादी ताकतों के हक में खड़े थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत से सम्मान प्राप्त करने वाले इन लोगों ने हरेक स्वतंत्रता सेनानी और शहीदों की आत्मा को ठेस पहुँचाई है। भगवंत मान ने कहा कि ऐसे गद्दारों के वारिस अब शहीदों पर उंगली उठा रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शहीदों पर उंगली उठाना और ब्रिटिश हुकूमत के अत्याचारों के कसीदे पढऩा एक बड़ा अपराध है और ऐसे घृणित कार्यों में शामिल लोग ना-माफी योग्य अपराध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह जैसे महान शहीद किसी पहचान के मोहताज नहीं, क्योंकि लाखों लोगों को देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए प्रेरित करने के लिए उनका नाम ही काफ़ी है। उन्होंने कहा कि उनके नाम और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान संबंधी कोई भी विवाद खड़ा करना ऐतराजय़ोग्य है।
भगवंत मान ने कहा कि इन शहीदों ने देश की आज़ादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दीं और किसी को भी कोई हक नहीं कि उनके स्वतंत्रता की लहर में दिए गए योगदान पर उंगली उठाए। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों को याद करवाया कि पटियाला के इस शाही परिवार का इतिहास पंजाब विरोधी रूख इख्तियार कर रहा है। उन्होंने कहा कि पटियाला के राजाओं के हाथ उन अनगिनत देश-भक्तों के ख़ून से सने हुए हैं, जिन्होंने आज़ादी के आंदोलन के दौरान शहादतें दीं। भगवंत मान ने स्पष्ट कहा कि शहीद भगत सिंह, शहीद उधम सिंह और देश की आज़ादी के लिए लडऩे वाले अन्य शहीदों के संघर्ष के दौरान ब्रिटिश हुकूमत के साथ हाथ मिलाने वाले इन लोगों से पंजाब के भले की क्या आशा रखी जा सकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सुनाम की इस पवित्र धरती पर अपना शीश झुकाने आए हैं, जहाँ इस धरती के महान पुत्र ने जन्म लिया था। सुनाम को अपना दूसरा घर बताते हुए भगवंत मान ने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि यहाँ उनका जन्म हुआ और यहीं उन्होंने शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपने दोस्तों और इलाके के अध्यापकों के साथ अपनी लम्बी सांझ को भी याद करते हुए कहा कि वह बचपन में अपने पिता के साथ इस स्थान पर अक्सर माथा टेका करते थे।
शहीद उधम सिंह को श्रद्धाँजलि भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती के इस सच्चे पुत्र ने जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के मुख्य दोषी माइकल ओडवायर को मारकर बहादुरी का सबूत दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए इस सपूत द्वारा दिए गए महान बलिदान ने देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने में मदद की। भगवंत मान ने शहीद भगत सिंह, शहीद उधम सिंह, सुखदेव, राजगुरू, शहीद करतार सिंह सराभा और अन्य महान शहीदों द्वारा भारतीय स्वतंत्रता लहर के दौरान दिए गए अतुलनीय बलिदानों को भी याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक कलाकार होने के नाते वह जब भी लंदन जाते थे तो वह कैकस्टन हॉल में ज़रूर जाते थे, जहाँ शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग़ के हत्याकांड का बदला लिया था। भगवंत मान ने कहा कि यह हॉल हम सबके के लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह हमें इस शहीद के बहादुरी भरे कारनामों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि यह हॉल हमारी नौजवान पीढिय़ों के लिए ज़ुल्म और बेइन्साफ़ी के विरुद्ध लडऩे के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।
थोड़े से समय में राज्य सरकार द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक विधायक, एक पेंशन बिल पास किया है, 9053 एकड़ कीमत की ज़मीन को अवैध कब्जों से मुक्त करवाया है, हर वर्ग को 600 यूनिट मुफ़्त बिजली प्रति बिलिंग साइकिल मुहैया करवाई है, जिसके परिणामस्वरूप कुल 74 लाख में से 51 लाख परिवारों को सितम्बर में ज़ीरो बिजली बिल और 68 लाख परिवारों को जनवरी में ज़ीरो बिजली बिल आएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले स्वतंत्रता दिवस पर 75 मोहल्ला क्लीनिक लोगों को समर्पित किए जाएंगे, जहाँ लोगों को मानक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं मुफ़्त मिलेंगी। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा द्वारा उठाई गई माँगों के जवाब में भगवंत मान ने सुनाम के लिए 22.59 करोड़ रुपए के अहम विकास प्रोजैक्टों का ऐलान किया, जिनमें आई.टी.आई. में स्टेडियम (1.66 करोड़ रुपए), नया सब तहसील कॉम्पलैक्स (4.46 करोड़ रुपए) और चीमा के लिए बस अड्डा (5.07 करोड़ रुपए), लोंगोवाल के लिए नया बस अड्डा (2.54 करोड़ रुपए) और स्टेडियम (3.58 करोड़ रुपए) और सुनाम के लिए 5.28 करोड़ रुपए की लागत वाला सिवरेज सिस्टम शामिल है।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि सभी शहीदों से सम्बन्धित सामान को उनकी मातृभूमि पर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। भगवंत मान ने कहा कि वह इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे और शहीदों से जुड़ी वस्तुओं को भारत लाने को सुनिश्चित बनाएंगे। उन्होंने कहा कि शहीदों के जीवन, दर्शन और बलिदान के साथ-साथ उनका जीवन नौजवानों को निस्वार्थ होकर देश की सेवा करने की प्रेरणा देता रहेगा।
जनसभा को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि शहीदों के नक्शे-कदम पर चलते हुए राज्य सरकार ने लोगों की तरक्की और ख़ुशहाली के लिए कई बेमिसाल कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय कठिनाईयों के बावजूद राज्य सरकार ने लोगों के कल्याण के लिए कई बेमिसाल पहल की हैं। चीमा ने कहा कि राज्य के विकास में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने देश को विदेशी साम्राज्यवाद की ग़ुलामी से मुक्त करवाने के लिए दिए महान बलिदान को याद किया। अमन अरोड़ा ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं, जो उनको लोगों के प्रतिनिधि के रूप में इस पवित्र धरती की सेवा करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने अंग्रेज़ों की तरह लोगों को लूटा था, जबकि इसके उलट पंजाब के मुख्यमंत्री सच्चे मिशनरी जज़्बे के साथ राज्य के लोगों की सेवा कर रहे हैं। अमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री के समक्ष कई विकास प्रोजैक्टों की माँग भी रखी। कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने भी शहीद भगत सिंह को श्रद्धाँजलि भेंट की। उन्होंने कहा कि शहीद उधम सिंह आरामदायक जीवन व्यतीत कर सकते थे परन्तु उन्होंने देश की ख़ातिर शहादत का रास्ता चुना। मीत हेयर ने कहा कि शहीद उधम सिंह ने देश की आने वाली पीढिय़ों के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने शहीद उधम सिंह की स्मारक पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और शहीद की याद में 1.66 करोड़ रुपए की लागत से स्थानीय आई.टी.आई. में बन रहे स्टेडियम का नींव पत्थर रखा। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद उधम सिंह के पारिवारिक सदस्यों का सम्मान भी किया। इस मौके पर विधायक जसवंत सिंह, वरिन्दर गोयल, नरिन्दर कौर और कुलवंत पंडोरी, ‘आप’ नेता गुरमेल घराचों, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव कुमार अमित भी उपस्थित थे।