CHANDIGARH, 17 FEB: केंद्रीय सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ के तहत देश के कई शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना अब साकार होने वाली है। दरअसल अगले महीने (मार्च) वाराणसी, आगरा, रांची, भोपाल, पुणे, अहमदाबाद और चेन्नई समेत देश के 22 महानगरों को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल जाएगा। इन शहरों ने सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के सभी मानकों को पूरा किया है और नागरिकों को बेहतर जीवन और स्वच्छ पर्यावरण दिया देने की कोशिश की है।
किन शहरों को किया गया शामिल
आपको बता दें कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 22 शहरों में आगरा, वाराणसी, रांची, भोपाल, इंदौर, उदयपुर, पुणे, पिम्परी चिंचवाड़, अहमदाबाद, सूरत, चेन्नई, काकीनाड, कोयंबटूर, इरोड, भुवनेश्वर, सलेम, विशाखापत्तनम, वेल्लोर, मदुरई, अमरावती, तिरुचिरापल्ली और तेंजावुर है जिसने स्मार्ट सिटी मिशन के सभी मापदंडों को पूरा किया है। केंद्र के इस प्रोग्राम के तहत कुल 100 शहरों को चुना है ताकि उन्हें ज्यादा सिटीजन फैंडली और टिकाऊ बनाया जा सके।
क्या है स्मार्ट सिटी मिशन ?
स्मार्ट सिटी मिशन स्थानीय विकास को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी की मदद से नागरिकों के लिए बेहतर परिणामों के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने और आर्थिक विकास को गति देने हेतु भारत सरकार द्वारा एक अभिनव और नई पहल है। स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देने का है, जो मूल बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करायें और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करे। साथ ही एक स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण एवं ‘स्मार्ट’ समाधानों के प्रयोग का मौका दें। इन शहरों में विशेष ध्यान टिकाऊ और समावेशी विकास पर है और एक रेप्लिकेबल मॉडल बनाने के लिए है जो ऐसे अन्य इच्छुक शहरों के लिए प्रकाश पुंज का काम करेगा।
कब शुरू हुआ था मिशन
भारत सरकार ने 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 25 जून 2015 को स्मार्ट सिटी मिशन (एससीएम) की शुरुआत की। 100 स्मार्ट शहरों का चयन जनवरी, 2016 से जून, 2018 तक चयन के 4 दौर के माध्यम से पूरा किया गया है। एससीएम के तहत शहरों ने अपने चयन के बाद से काफी प्रगति दिखाई है।
5246 परियोजनाओं का काम हुआ पूरा
स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत में सौ स्मार्ट सिटी की 7,804 परियोजनाओं के लिए 1,81,322 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। इसमें से 98,796 करोड़ रुपये की 5246 परियोजनाओं का काम पूरा हो जाएगा। केंद्र सरकार ने इस अभियान के लिए कुल 36,447 करोड़ रुपये की रकम जारी की है जिसमें से 32,095 करोड़ रुपये (88 प्रतिशत) योजना पर खर्च किया गया है।