PANCHKULA: उमंग अभिव्यक्ति मंच पंचकूला ने हरियाणा के लघुकथाकारों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़कर आज एक सेमिनार का आयोजन किया, जिसमें पूरे हरियाणा से रचनाकारों ने जुड़कर इसका लाभ उठाया। मंच की फाउंडर एवं वरिष्ठ कवियत्री नीलम त्रिखा व शिखा श्याम राणा ने बताया कि इस कार्यक्रम में खास तौर से मुख्य अतिथि की भूमिका में कैथल से वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार डॉ. प्रद्युमन भल्ला जुड़े, जिन्होंने लघुकथा के नियमों के बारे में सभी को विस्तार से समझाया और सभी की लघुकथाओं की समीक्षा भी की। इस कार्यक्रम में करनाल से वरिष्ठ साहित्यकार मदन लाल भी मुख्य अतिथि के रूप में जुड़े। उन्होंने भी लघुकथा के नियम बताए व वरिष्ठ लघुकथाकारों का उदाहरण देते हुए उनकी लघु कथाएं सुनाई।
डॉक्टर प्रद्युमन भल्ला ने सभी को विस्तार से लघु कथा और कहानियों में अंतर भी बताया और किस तरह से हम अपनी लघुकथा को और अधिक रोचक बना सकते हैं व पाठक के मन पर किस तरह से अपनी छाप छोड़ सकते हैं, इस बारे में बारीकी से समझाया। उन्होंने कहा कि कविताओं के लिए काव्य गोष्ठियों का होना आम बात है लेकिन लघुकथा गोष्ठियां कम ही होती हैं। कारण यह होता है कि इसके बारे में बहुत अधिक जागरूकता या इनको कैसे सुनाया जाए, इसका पता नहीं होता। इसीलिए इस तरह के लघुकथा पर कार्यक्रमों का होना बहुत जरूरी है और अब इस तरह के कार्यक्रम भी आम होने लगे हैं। एक अच्छे समृद्ध समाज के लिए प्रेरक लघु कथाएं बहुत जरूरी हैं और यही कार्य अभिव्यक्ति मंच कर रहा है।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले रचनाकार, जिन्होंने अपनी लघु कथाएं भी इस कार्यक्रम में सुनाई, उनमें अनीता भारद्वाज चरखी दादरी से, अंजू खरबंदा दिल्ली से, ज्योति सरोहा सोनीपत, मधु गोयल कैथल, नीरू मित्तल नीर, डॉ. प्रज्ञा शारदा, शिखा श्याम राणा, नीलम त्रिखा, शीनू वालिया, आभा मुकेश साहनी, कंवल बिंदुसार, निशा वर्मा मुख्य रूप से शामिल थीं। नीलम त्रिखा ने बताया कि ऐसा ही अगला कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर का उमंग अभिव्यक्ति मंच बहुत जल्दी करने जा रहा है, जिसमें देश व विदेशों से लघु कथाकार जुड़ेंगे।