मुंबई पहुंचने वाले छात्रों को दिल्ली लाने की व्यवस्था करेगी हरियाणा सरकार
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिए निर्देश, सभी छात्रों के परिजनों से घर जाकर मिलें अधिकारी
CHANDIGARH, 01 MARCH: यूक्रेन से देश लौट रहे छात्रों की मदद के लिए हरियाणा सरकार मुंबई एयरपोर्ट पर भी हेल्प डेस्क स्थापित करेगी। यह हेल्प डेस्क कल यानी बुधवार से काम करना शुरू कर देगा। हेल्प डेस्क के लिए तीन पुलिस कर्मचारियों और हैफेड के एक अधिकारी को मुंबई भेज दिया गया है। हरियाणा के जो छात्र मुंबई पहुंचेंगे, उन्हें हेल्प डेस्क दिल्ली पहुंचाने की व्यवस्था करेगा। बता दें कि यूक्रेन संकट को देखते हुए हरियाणा सरकार ने छात्रों की मदद के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहले ही हेल्प डेस्क स्थापित कर लिया है।
इस बीच, यूक्रेन में फंसे हरियाणा राज्य के निवासियों व छात्रों की सहायता के लिए सरकार ने स्टेट लेवल पर संजय जून को नोडल अफसर बनाया है। वहीं जिला स्तर पर उपायुक्त नोडल अफसर होंगे। सरकार ने मंडल आयुक्त कार्यालय फरीदाबाद में राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया है। यह नियंत्रण कक्ष लगातार 24 घंटे कार्य करेगा। इस कंट्रोल रूम को सुचारू रूप से चलाने के लिए कर्मचारियों की अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी भी लगाई गई है।
यूक्रेन में गए हरियाणा के सभी नागरिकों के परिवारों से सरकार ने संपर्क साध लिया है और अब सरकार ने कम से कम तहसीलदार स्तर के अधिकारी की ड्यूटी इन परिवारों से बातचीत के लिए लगाई है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर जाकर परिजनों को आश्वस्त करें कि यूक्रेन में फंसे सभी नागरिकों को सकुशल वापस लाया जाएगा।
इस बीच सरकार ने बल्लभगढ़ की एक बेटी मानसी मंगला को मदद पहुंचाई है। मानसी मंगला पोलैंड में इंडियन एंबेसी पहुंच गई है। अब भारतीय दूतावास के अधिकारियों द्वारा मानसी को सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने मानसी मंगला से बात कर भरोसा दिलाया कि जल्द ही उन्हें भारत लाने की व्यवस्था की जाएगी। बल्लभगढ़ के एसडीएम त्रिलोकचंद से बातचीत में परिजनों ने सरकार के प्रयासों पर संतुष्टी जताई और कहा कि सरकार की मदद से जल्द उनकी बेटी वापस लौट पाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों से लगातार अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि यूक्रेन में फंसे हरियाणा के सभी छात्रों को सकुशल वापिस लाया जाएगा। उन्हें किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए भारतीय विदेश मंत्रालय और हरियाणा सरकार पूरी तरह प्रयासरत हैं।