एक 7.65 एमएम पिस्तौल, 6 जिंदा कारतूस, हेरोइन, ड्रग मनी, 2 मोबाइल फ़ोन, 2 वाई-फाई डौंगल और रेसिंग बाइक बरामद
CHANDIGARH: सीमा पार से चलाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय नशे और हथियार तस्करी नैटवर्क पर एक और कार्यवाही करते हुये पंजाब पुलिस ने रविवार को इस गिरोह के दो अन्य सदस्यों को गिरफ़्तार किया है। यह कार्यवाही हाल ही में बीएसएफ के पूर्व सिपाही सुमित कुमार उर्फ नोनी की तरफ से चलाए जा रहे अंतर-राष्ट्रीय नशा और हथियार तस्करी के कारोबार का पर्दाफाश होने के उपरांत उसी मामले की कड़ी के तौर पर की गई।
इन दोषियों के पास से इटली निर्मित 7.65 बोर की एक पिस्तौल, 6 जिंदा कारतूस, हेरोइन, ड्रग मनी, 2 मोबाइल फ़ोन, 2 वाई-फायी डौंगल और एक केटीएम रेसिंग मोटरसाईकल बरामद किया गया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये डी.जी.पी श्री दिनकर गुप्ता ने बताया कि उक्त दोषियों को 4 अक्तूबर को जालंधर में करतारपुर से गिरफ़्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार किये गए दोषियों की पहचान सिमरनजीत सिंह उर्फ सिमरन (26 साल) निवासी गाँव धीरपुर, जि़ला जालंधर और बलराम सिंह (26) निवासी गाँव सुरखपुर, जि़ला कपूरथला के तौर पर की गई है।
यह दोनों एक निजी यूनिवर्सिटी के पार्किंग एरिया से चोरी किये मोटरसाइकल के द्वारा हेरोइन की डिलीवरी करने जा रहे थे। इन दोषियों के विरुद्ध थाना करतारपुर में आइपीसी की आर्मज़ एक्ट और एन.डी.पी.एस एक्ट की सम्बन्धित धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। सिमरनजीत सिंह जि़ला कपूरथला के गाँव हमीरा के एक रेत-बजरी व्यापारी के कत्ल के मामले में करीब 10 महीने पहले से भगौड़ा था।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये ए.आई.जी सीआई जालंधर हरकमलप्रीत सिंह खख ने बताया कि पंजाब पुलिस ने गाँव हमीरा के रेत बजरी के कारोबारी के कत्ल केस में गाँव धीरपुर के अमनप्रीत सिंह को गिरफ़्तार किया था और जाँच के दौरान यह पाया गया कि दोषी और उसके भाई अंतर-राष्ट्रीय सरहद पर नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी के लिए पाकिस्तान के शाह मूसा के साथ संपर्क में थे।
जांच के दौरान यह तथ्य सामने आए हैं कि अमनप्रीत बीएसएफ के पूर्व सिपाही सुमित के द्वारा शाह मूसा के संपर्क में आया था जो कि एक कत्ल केस में गुरदासपुर जेल में बंद था। सीमा पार से नशों और हथियारों की तस्करी करने की साजिश गुरदासपुर जेल में ही घड़ी गई थी। कत्ल केस में ज़मानत मिलने के बाद सुमित को जम्मू के सांबा सैक्टर में पाकिस्तान के साथ लगती अंतर-राष्ट्रीय सरहद पर एक गार्ड टावर पर तैनात किया गया था, जहाँ से वह सीमा पार के तस्करों के साथ लगातार संपर्क में रहता था जो कि आगे पाकिस्तान के शाह मूसा के संपर्क में थे।
डीजीपी ने बताया कि सुमित ने सीमा तारबन्दी वाली जगह पर (जहाँ वह तैनात था) 40 पैकेट हेरोइन और एक जिग़ाना 9 एम.एम. पिस्तौल की डिलवरी के लिए रास्ते का बंदोबस्त किया हुआ था।
उसने कुछ अनजाने व्यक्तियों को हेरोइन की डिलीवरी करने के बाद पिस्तौल अपने पास अपनी सुरक्षा के लिए रखा हुआ था। सुमित को नशों और हथियारों की सफलतापूर्वक प्राप्ति के लिए 15 लाख और 24 लाख रुपए की दो किश्तों में कुल 39 लाख रुपए प्राप्त हुए थे।
इसके अलावा उन्होंने बताया कहा कि सिमरनजीत सिंह उर्फ सिमरन जो कि अमनप्रीत सिंह का सगा भाई है, ने कबूला है कि उसने अपने भाइयों के साथ मिल कर गाँव हमीरा के रेत -बजरी के कारोबारी जगजीत सिंह को गोली मारी थी।
खख ने बताया कि उक्त दोषी के खि़लाफ़ पहले ही तीन अपराधिक केस दर्ज हैं जबकि उसके साथी बलराम सिंह पर थाना कोतवाली कपूरथला में हथियार कानून के अंतर्गत केस चल रहा है। वह कोरोना महामारी के कारण 11-06 -2020 को कपूरथला जेल से ज़मानत पर रहा हुआ था।