ANews Office: आज दो बड़े अदालती फैसलों पर देशभर की नजर लगी है। इनमें एक मामला है अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराए जाने का और दूसरा है मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि पर से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने संबंधी याचिका का। अयोध्या मामले में आज लखनऊ स्थित स्पेशल सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी, जबकि मथुरा की कोर्ट श्रीकृष्ण जन्म भूमि पर से शाही मस्जिद को हटाने संबंधी याचिका को स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय देगी।
आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती समेत 32 आरोपी
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराए जाने के करीब 28 साल पूरे हो गए हैं। ढांचे को गिराने के क्रिमिनल केस की सुनवाई लखनऊ में स्पेशल 000000कोर्ट में चल रही थी। इस मामले में कुल 32 आरोपी हैं। इनमें भाजपा के शीर्ष नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा के शीर्ष नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती, बजरंग दल के संस्थापक विनय कटियार और साक्षी महाराज शामिल हैं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर याचिका
दूसरी तरफ, आज सबकी निगाहें मथुरा के जिला एवं सत्र न्यायालय पर भी लगी हैं। यहां श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर दाखिल की गई याचिका स्वीकार या अस्वीकार करने पर अदालत निर्णय लेगी। यह याचिका गत 25 सितम्बर को दाखिल की गई थी। लखनऊ की रहने वाली रंजना अग्निहोत्री, त्रिपुरारी त्रिपाठी, सिद्धार्थ नागर के राजेश मणि त्रिपाठी और दिल्ली निवासी प्रवेश कुमार करुणेश कुमार शुक्ला और शिवाजी सिंह ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को गलत बताते हुए सिविल जज सीनियर डिवीजन छाया शर्मा की कोर्ट में दावा पेश किया है। याचिका में कहा गया कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता पूरी तरह से अवैध है और भगवान कृष्ण एवं उनके भक्तों की इच्छा के विपरीत है इसलिए उसे निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर वह भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाए।
मथुरा को लेकर संत समाज भी सक्रिय हुआ, 15 को बैठक
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दाखिल की गई इस याचिका में न्यायालय से 13.37 एकड़ की जन्मभूमि का मालिकाना हक मांगा गया है। हालांकि 12 अक्तूबर 1968 को कटरा केशव देव की जमीन का समझौता श्रीकृष्ण जन्मस्थान सोसाइटी द्वारा किया गया। जिसके तहत 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई। याचिका में डिक्री को खारिज करने की मांग की गई है। इस बीच, संत समाज भी इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हो गया है। वृंदावन में 15 अक्तूबर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि समेत बड़ी संख्या में संत शामिल रहेंगे। इस बैठक को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
विस्तार से जानिए मथुरा का पूरा मामला – अयोध्या से आगेः अब मथुरा में ‘श्रीकृष्ण विराजमान’ पहुंचे अदालत