कांग्रेस पार्षद गाबी ने सफाई कंपनी का ठेका रद्द करने की मांग की और कंपनी का समर्थन करने पर की भाजपा की आलोचना
CHANDIGARH, 25 JULY: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने शहर में सफाई का काम कर रही लायंस सर्विसेज लिमिटेड पर अपने कर्मचारियों को वेतन देने से इनकार करने और उनका खुला शोषण करने का आरोप लगाते हुए नगर निगम से कम्पनी का स्वच्छता अनुबंध रद्द करने की मांग की है।
कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने आज एक बयान जारी कर कहा कि लायंस कम्पनी के एक सफाई कर्मचारी राजेश टांक को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि कंपनी ने उसे महीनों से वेतन नहीं दिया था। उन्होंने कहा कि सफाई कंपनी के अपने कर्मचारी के प्रति इस तरह के अमानवीय रवैये के परिणामस्वरूप मृतक के परिवार को कई दिनों तक गंभीर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा, जिसके कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई।
कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत गाबी ने एक कर्मठ कर्मचारी की असमय मौत के लिए लायंस सर्विसेज लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि निगम की पिछली बैठक के दौरान जब उन्होंने लायंस सर्विसेस लिमिटेड द्वारा सफाई कर्मचारियों के क्रूर शोषण का मुद्दा उठाया था और उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी तो भाजपा पार्षदों ने अपनी पसंदीदा कंपनी पर लगे आरोपों पर ठहाके लगाकर कांग्रेस के आरोपों को हंसी में उड़ा दिया था। अभी कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से भी मुलाकात कर इस सफाई कंपनी के खिलाफ भ्रष्टाचार और शोषण करने के आरोपों पर कार्रवाई की मांग की थी। गाबी ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यदि अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई की गई होती तो एक निर्दोष कर्मचारी की जान बचा ली गई होती।
गाबी ने आरोप लगाया कि कम्पनी के भ्रष्ट आचरण पर लगाम कसने के बजाए सत्तारूढ़ दल भाजपा उसके भ्रष्ट कार्यों का खुलकर समर्थन करता रहा, जिसके कारण, कम्पनी ने खुलेआम अनुबंध की शर्तों की धज्जियां उड़ाईं और अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन के वैध भुगतान से इनकार करने का दुस्साहस किया, जिसकी परिणीति आज की दुखद घटना के रूप में हुई। मृतक कर्मचारी के परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने मृतक कर्मचारी के परिवार को उचित मुआवजे का भुगतान करने और लायंस सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंधन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और कम्पनी का अनुबंध रद्द करने की मांग की है, ताकि उसे अपने कर्मचारियों का शोषण करने का उपयुक्त दन्ड मिल सके।