शिखर जी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक कैलाश जैन ने की घोषणा, केंद्र के कदम के बाद लिया निर्णय
अब कल श्री दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर-27 में होगी धर्म सभा तथा धन्यवाद रैली
CHANDIGARH, 5 JANUARY: झारखंड के जिला गिरिडीह स्थित जैन तीर्थ क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में पूरे हिंदुस्तान में जैन समाज के अनुयायियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन की श्रंखला में चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली, जीरकपुर (ट्राइसिटी) के जैन समाज की सर्वोच्च संस्था जैन महासंघ ट्राइसिटी के बैनर तले शुक्रवार 6 जनवरी को चंडीगढ़ में भी प्रस्तावित रोष मार्च को आज स्थगित कर दिया गया है।
इस प्रदर्शन के लिए स्थानीय लेवल पर गठित की गई शिखर जी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक एवं उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने बताया कि आज जैन तीर्थ क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी के संबंध में केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को निर्देश दे दिया है। इसके लिए चंडीगढ़ ट्राइसिटी का जैन समाज भी केंद्र सरकार का धन्यवाद व्यक्त करता है। कैलाश चंद जैन ने कहा कि जैन समाज की मांग थी कि जैन तीर्थ क्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने वाली नोटिफिकेशन वापस ली जाए तथा सम्मेद शिखर जी को जैन पवित्र स्थान घोषित किया जाए। इसके लिए अब केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को निर्देशित कर दिया है तो चंडीगढ़ ट्राइसिटी के जैन समाज द्वारा कल किया जाने वाला रोष प्रदर्शन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। अब कल 6 जनवरी को सुबह 11:30 बजे श्री दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर-27 में धर्म सभा तथा धन्यवाद रैली का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार के कदम के बाद सिर्फ रोष मार्च कैंसिल किया गया है, धर्म सभा नहीं। कैलाश चंद जैन ने चंडीगढ़ ट्राइसिटी के जैन समाज से अपील की है कि कल सुबह 11:30 बजे श्री दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर-27 चंडीगढ़ में धर्म सभा व धन्यवाद रैली में बड़ी संख्या में पहुंचकर कार्यक्रम को सफल बनाएं।
बता दें कि चंडीगढ़ ट्राइसिटी की शिखर जी बचाओ संघर्ष समिति में संजय जैन, धर्म बहादुर जैन, संत कुमार जैन, सुशील जैन, नवरत्न जैन, एडवोकेट अजय जैन, मुकेश जैन, मनोज जैन के अलावा ट्राइसिटी की सभी जैन संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हैं। संयोजक कैलाश चंद जैन ने बताया कि श्री सम्मेद शिखरजी जैन समाज का सर्वोच्च तीर्थ स्थान है तथा झारखंड सरकार द्वारा इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने की अधिसूचना जारी की गई, जिससे क्षेत्र की पवित्रता भंग होने की आशंका बनी हुई थी, क्योंकि लोग यहां अमर्यादित भोजन का सेवन करते तथा पवित्र स्थान के मर्यादा को भी भंग करने की कोशिश करते, जबकि जैन समाज पूरी तरह से अहिंसक है तथा मर्यादित सीमा में रहता है। इसलिए जैन समाज मांग कर रहा था कि इस क्षेत्र को पवित्र तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाए।