कल के बाद यह नजारा 15 मार्च 2080 को दिखाई देगा
ANews Office: 21 दिसम्बर को यानी आज आसमान में बादल न छाए तो चांदनी रात में चांद के आसपास दो सितारों का अदभुत और खूबसूरत मिलन देखने लायक होगा। ये दो ग्रह हैं गुरु ओैर शनि, जो 17 जुलाई 1623 के बाद कल इतने करीब होंगे कि दोनों के मध्य दूरी मात्र 0.1 डिग्री की रह जएगी। इन्हें नंगी आखों से भी देखा जा सकता है और दूरबीन या टेलीस्कोप से भी। आप अपने मोबाइल फोन में ‘स्टार ट्रैकर’ एप डाउनलोड करके भी इस महासंयोग और महामिलन का रजाई में बैठकर ही आनंद ले सकते हैं। आज साल की सबसे लंबी रात में यह दोनों ग्रह एक-दूसरे को गले मिलते दिखेंगे। हालांकि 800 साल पहले भी ऐसा दृश्य दिखई दिया था परंतु उस समय इनकी आपसी दूरी 13 डिग्री थी। आज के बाद यह नजारा 15 मार्च 2080 को दिखाई देगा।
गुरु-शनि का महासंयोग ‘ग्रेट कन्जंक्शन’ कहलाएगा
यह क्रिसमस के आसपास की दुर्लभ खगोलीय घटना होगी, जिसे जनमानस में ‘क्रिसमस स्टार’ भी कहा जाएगा और खगोलशास्त्र में ‘डबल प्लेनेट।’ ज्योतिष में यह गुरु-शनि का महासंयोग यानी ‘ग्रेट कन्जंक्शन’ कहलाएगा। ज्योतिष के अनुसार इस समय गुरु और शनि दोनों 10वीं अर्थात मकर राशि में चल रहे हैं। गुरु इस समय नीच हैं, यानी कमजोर हैं और शनि अपनी ही राशि में बलवान हैं। यदि लोक भविष्य की बात करें तो गुरु, जो सरकार को दर्शाता है, वह लगभग हर देश में कमजोर पड़ती दिख रही है। शनि, जो जनता का भी कारक ग्रह है, वह इस समय बली होकर जनता को सरकारों पर हावी बना रहा है, चाहे भारत हो या पाकिस्तान या अन्य कोई देश।
दोनों ग्रहों की जुगलबंदी का क्या है असर
इन दोनों ग्रहों की जुगलबंदी से राजनीतिक दलों में बिखराव, जन आन्दोलनों में आक्रोश, ठंड के बरसों पुराने टूटते रिकार्ड, आर्थिक मंदी आदि परिलक्षित होंगे। गुरु-शनि जब तक दूर नहीं होते, यह गतिरोध बना रहेगा। चूंकि गुरु नवम्बर से मकर की नीच राशि में कमजोर हो गया है और शनि अपनी ही मकर राशि में बलवान हो गया है, इसलिए सरकार को नर्म होना पड़ेगा। धीरे-धीरे कुछ संशोधन होंगे। अभी किसान आन्दोलन चलेगा। दोनों ओर से दबाव बनेगा। आपसी टकराव चलता रहेगा।
अप्रैल में गुरु शनि से अलग होंगे
अप्रैल में 6 तारीख से जब गुरु, शनि से अलग होंगे, तब जाकर कोरोना और किसान समस्या का ठीक से हल निकलेगा परंतु इससे पहले फरवरी में जब 5 ग्रह मकर राशि में होंगे, तब एक बार फिर ऐसा जन आक्रोश किसी भी कारण से देखने को मिल सकता है। शनि न्यायाधीश की भूमिका निभाएंगे और न्यायालयों को जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए बार-बार आगे आना पड़ेगा।
धनु और मीन राशियों के स्वामी गुरु हैं तो मकर व कुंभ के हैं शनि
इन चारों राशियों के लोगों पर इस गुरु-शनि के महासंयोग का प्रभाव व्यक्तिगत रुप से भी पड़ सकता है। धनु, मकर तथा कुंभ राशि वाले वैसे भी साढ़ेसाती के प्रभाव में हैं। ऐसे जातकों को क्रमश: ओम् गुरुवाय नम: तथा ओम् श्नैश्चरायै नम: का पाठ करते रहना चाहिए।
- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद, फोन-9815619620
458,सैक्टर10, पंचकूला।