CHANDIGARH: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व अधीन पंजाब कैबिनेट ने बुधवार को राज्य में कोविड संकट के मद्देनजऱ सेवा मुक्त हो रहे डाक्टरों और मैडीकल स्पैशलिस्टों को 1 अक्तूबर, 2020 से 31 दिसंबर तक सेवा काल में 3 महीने वृद्धि और फिर से नौकरी पर रखने को मंज़ूरी दे दी है।
यह फ़ैसला पंजाब में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजऱ किया गया है। देश भर में 72 लाख मामलों में से 1.25 लाख मामले राज्य में सामने आए हैं और इस बीमारी की लपेट में आने वालों के अलावा मौतों की संख्या भी दिनों -दिन बढ़ती जा रही है।हालाँकि डाक्टरों और पैरा -मैडीकल अमले की भर्ती प्रक्रिया जारी है परन्तु इसमें ऐसे कुछ समय लग सकता है। इसी के चलते राज्य सरकार ने मौजूदा समय नौकरी कर रहे डाक्टरों /स्पैशलिस्टों की सेवाएं फिलहाल जारी रखने का फ़ैसला किया है।
पंजाब हैल्थ एंड फैमिली वैलफेयर टैकनिकल (ग्रुप सी) सर्विस रूल्ज, 2016 को मंज़ूरीकैबिनेट की तरफ से पंजाब हैल्थ एंड फैमिली वैलफेयर टैकनिकल (ग्रुप सी) सर्विस रूल्ज, 2016 में संशोधन को मंज़ूरी दे दी गई है जिसके अंतर्गत निर्धारित तरक्की कोटा स्टाफ नर्स के पद सम्बन्धी 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत किया गया है और स्टाफ नर्सों के स्थायी मंज़ूरशुदा 4216 पद घटा कर 3577 कर दिये गये हैं।
इससे योग्य उम्मीदवारों को स्टाफ नर्स के रिक्त पद और अनुुसंधन और मैडीकल शिक्षा विभाग के हवाले के 639 पदों सम्बन्धी प्रत्यक्ष भर्ती हेतु रोजग़ार के मौके मिलेंगे।कैबिनेट की तरफ से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की डायलसिस टैकनीशियन के पद सम्बन्धी भी इन नियमों में संशोधन को मंज़ूरी दी गई और प्रत्यक्ष भर्ती के लिए निर्धारित मौजूदा शैक्षिक योग्यता से छूट उन तकनीकी तौर पर योग्य उम्मीदवारों को भी शामिल किया गया है जिन्होंने बी.एस.सी (डायलसिस टैकनीशयन) पास की हुई है।