कहा- अपनी नाकामी छिपा रहे निगम अफसर, इसलिए सदन के भीतर हो निगम की मीटिंग
निगम सदन की बैठक स्थगित होने पर जताया खेद
CHANDIGARH: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव रामवीर ने आज मीडिया को जारी वक्तव्य में नगर निगम सदन की बैठक निगम सदन में न होने के कारण स्थगित होने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि विगत मई, जून, जुलाई एवं अगस्त में वर्चुअल मीटिंग के कारण लगभग सभी पार्टियों के पार्षद अपनी बात ठीक से रख पाने में खुद को असमर्थ महसूस कर रहे थे। इस कारण भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ अन्य दलों के पार्षदों का भी यह मत बन गया था कि सदन की बैठक निगम सदन में ही बुलाई जाए।
पार्षदों के एजेंडे भी अधिकारी किसी न किसी बहाने रोक रहे
उन्होंने कहा कि शहर में चाहे पानी के बढ़े हुए दाम हों, घर-घर से कूड़ा एकत्रित करने वालों एवं सफाई कर्मचारियों की समस्याएं हों, गांव की बात हो, स्ट्रीट वेंडर्स के रोजगार की बात हो, सेक्टर-23 के शेड के बढ़े हुए किराए का विषय हो या पार्षदों के अपने वार्ड के लंबित पड़े विकास कार्य हों, किसी भी मामले में निगम अधिकारियों द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा था, जिससे यह बात स्थापित हो रही थी कि नगर निगम के अधिकारी अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए पार्षदों की बैठक निगम सदन में नहीं होने देना चाहते। पार्षदों द्वारा लाए गए एजेंडा भी अधिकारी किसी न किसी बहाने सदन में लाने से लगातार रोक रहे थे।
16 अक्तूबर को कर लिया था वर्चुअल मीटिंग न करने का फैसला
उन्होंने कहा कि 16 अक्तूबर को पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद ने पार्षदों के आग्रह पर पार्टी मुख्यालय कमलम में बैठक बुलाई। इसमें सभी पार्षदों द्वारा तय किया गया कि महापौर से अनुरोध किया जाए कि आगामी निगम सदन की बैठक वर्चुअल की बजाय निगम सदन में करवाई जाए। इसके लिए अध्यक्ष द्वारा वरिष्ठ उप महापौर रवि कांत शर्मा के अतिरिक्त उप महापौर जगतार सिंह, पूर्व महापौर आशा जसवाल, देवेश मोदगिल एवं राजेश कुमार कालिया की एक समिति बनाई गई और महापौर को इस निर्णय से अवगत कराने को कहा तथा समिति द्वारा 17 अक्तूबर को सूचित कर दिया गया।
उम्मीद थी कि निगम की मीटिंग में सदन में होगी
भाजपा प्रदेश महासचिव ने कहा कि वर्चुअल मीटिंग की सूचना प्राप्त होने पर 18 अक्तूबर को पुन: भाजपा पार्षदों की बैठक हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष अरुण सूद, संगठन महामंत्री दिनेश कुमार, महासचिव रामवीर भी शामिल हुए। बैठक में निर्णय हुआ कि 20 अक्तूबर की वर्चुअल बैठक को स्थगित किया जाए और शीघ्र निगम की बैठक निगम सदन में बुलाई जाए। इस निर्णय से संगठन महामंत्री ने महापौर को भी अवगत करवा दिया था। भाजपा प्रदेश महासचिव ने कहा कि आशा थी कि 20 अक्तूबर की बैठक पार्षदों की मांग के अनुसार निगम सदन में ही बुलाई जाएगी, क्योंकि सभी पार्षद शहर के हितों को ध्यान में रखते हुए बैठक निगम सदन में ही करने के पक्ष में थे। पार्टी महासचिव ने मांग की कि भारतीय जनता पार्टी, अन्य दलों तथा मनोनीत पार्षदों की मांग के अनुसार शीघ्र पार्षदों की बैठक निगम सदन में ही बुलाकर शहर की लंबित समस्याओं पर चर्चा कर उचित समाधान किया जाए।