हरियाणा में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों का होगा चालान

अपने क्षेत्रों में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, हाथों की सफाई सख्ती से लागू करें प्रशासनिक अधिकारी: स्वास्थ्य मंत्री

CHANDIGARH: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि कोविड-19 के नए ओमीक्रोन वेरिएंट के फैलाव व सम्भावित तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त, पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों  में जनता के बीच कोरोना प्रोटोकॉल जैसे कि मास्क पहनना, सोशल डिस्टेसिंग, हाथों की सफाई इत्यादि को सख्ती से लागू करवाना सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, सभी स्कूल, उद्योग, व्यवसाय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड इत्यादि जहां भीड़ होने की संभावना है, वहां सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों का चालान करने के लिए पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निगम और निकाय समितियों जैसी एजेंसियों द्वारा सख्त कदम उठाए जाएंगे।

विज आज यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम जनता को इस संबंध में जागरूक करने के लिए सभी सार्वजनिक स्थानों पर मुनादी इत्यादि भी करायी जाए ।  

अनिल विज ने कहा कि साउथ अफ्रीका में पाए गए कोविड के नए वेरिएंट ओमीक्रान व संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग व संबंधित विभागों के अधिकारियों को सचेत रहना होगा और कोविड से बचाव के लिए लोगों को लगातार जागरूक करते हुए टेस्टिंग को बढाना होगा।

कोविड मरीज का जीनोम सीक्वेंस भी किया जाए- अनिल विज

बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को अवगत कराया कि साउथ अफ्रीका में पाए गए नए वेरिएंट की जांच के लिए जीनोम सीक्वेंस की आवश्यकता है जिस के लिए हरियाणा में एक मशीन लगाई गई है, इस पर श्री विज ने कहा कि यदि कोई कोविड का नया मरीज हरियाणा में पाया जाता है तो उसकी कोविड की जीनोम सीक्वेंस पता लगाया जाए ताकि अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सकें।

बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया गया कि कोविड संक्रमण के संबंध में अभी राज्य में प्रतिदिन लगभग 12000 टेस्टिंग की जा रही है और अब इसे बढ़ाया जा रहा है और आने वाले दिनों में 40 हजार प्रति दिन  टेस्टिंग करने का  लक्ष्य रखा गया है ।

राज्य में ‘एट रिस्क’ वाले देशों से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग की जाए- विज

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि ‘‘एट-रिस्क’’ वाले देशों जैसे कि यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिंबाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल सहित यूरोप के देशों से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग एयरपोर्ट हो रही है और जो लोग नेगेटिव पाए जा रहे हैं, उनकी 8वें दिन स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा टेस्टिंग की जा रही हैं ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें। इस पर, विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विदेश से आने वाले यात्रियों से स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा  रोजाना टेलीफोन पर बातचीत की जाए और उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी हासिल की जाए ताकि यदि  कोई लक्षण नजर आते हैं तो उसका उपचार शुरू किया जा सकें।

इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) वाले मरीजों की भी कोविड टेस्टिंग की जाए-विज

स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) वाले मरीजों की भी कोविड टेस्टिंग की जाए ताकि संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकें।  अधिकारियों ने बताया कि कोविड के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त जरूरी दवाइयां है और अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा 79 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में स्थापित किए जा चुके हैं। इसी प्रकार, राज्य के 22 जिलों में आरटी पीसीआर लैब भी स्थापित की जा रही है जिनमें से कुछ  जिलों में ये लैब संचालित भी हैं।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस.एन.राय, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती जी.अनुपमा, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के कमिश्नर राजीव रतन, आयुष विभाग के महानिदेशक डॉ. साकेत कुमार, एनएचएम के मिशन निदेशक प्रभजोत सिंह, स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक डॉ. वीना सिंह व निदेशक डॉ. उषा गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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