CHANDIGARH, 18 MARCH: आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब से पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह का नाम राज्यसभा के लिए लगभग तय हो जाने के बाद आज एक और नाम यहां से राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी ने फाइनल कर दिया। यह नाम है डॉ. संदीप पाठक का। पार्टी ने डॉ. संदीप पाठक को पंजाब से राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने को हरी झंडी दे दी है। डॉ. संदीप पाठक हाल ही में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार रहे हैं।
पर्दे के पीछे से चुपचाप करते रहे काम
बताया जाता है कि डॉ. संदीप पाठक पिछले कुछ सालों से पंजाब में लगातार ग्राउंड वर्क कर रहे थे। बीबीसी की एक रिपोर्ट में भी डॉ. संदीप का नाम आम आदमी पार्टी के पंजाब के खास रणनीतिकार के तौर पर लिया गया था। संदीप कई सालों से पंजाब में आम आदमी पार्टी की रणनीति रचने में खास भूमिका निभाने का काम कर रहे थे। उनकी भूमिका पर्दे के पीछे रहकर चुपचाप काम करने वाले शख्स की रही।
आईआईटी ग्रेजुएट और लंदन रिटर्न हैं डॉ. संदीप
पंजाब के कुछ सियासी विश्लेषक भी डॉ. संदीप पाठक का नाम आम आदमी पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार के रूप में लेते रहे हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत की जिन वजहों का जिक्र मीडिया में किया जा रहा है, उनमें एक वजह पर्दे के पीछे से लगातार डॉ. संदीप पाठक की रणनीति भी रही है। डॉ. संदीप पाठक दिल्ली आईआईटी से जुड़े रहे हैं तथा कुछ वर्ष लंदन में रहे हैं। बताया जाता है कि उन्होंने तब लंदन कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से जुड़कर अपनी पीएचडी का काम पूरा किया था। इसके बाद वह कुछ और जगहों से भी जुड़े। फिर भारत लौट आए।
प्रशांत किशोर के साथ भी किया काम
आईआईटी के ढेर सारे डिग्रीधारक आम आदमी पार्टी से जुड़ते रहे हैं, अब भी जुड़ रहे हैं, लिहाजा आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के साथ डॉ. संदीप पाठक का खास परिचय बताया जाता है। हालांकि आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने से पहले वह राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी काम कर चुके हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने उन्हें पर्दे के पीछे चुपचाप काम करने की भूमिका सौंपी थी, जिस पर वह अपने जूनियरों की टीम के साथ काम कर रहे थे। यह टीम बिल्कुल लाइमलाइट में नहीं रही और उसने सोशल मीडिया से भी दूरी बनाकर रखी। आमतौर पर डॉ. संदीप पाठक ने मुख्य धारा के मीडिया से भी मिलने-जुलने परहेज किया। उनकी टीम ने पंजाब को 5 जोन में बांटकर काम करना शुरू किया था।
पर्दे के पीछे कई काम किए
डॉ. संदीप पाठक व उनकी टीम ने पंजाब में मतदाताओं के मूड को भांपा तो उम्मीदवारों को चुनने के मामले में भी पार्टी आलाकमान को लगातार सलाह दी। टिकटें देने पर नाराजगी नहीं फैले, उसके लिए क्या किया जा सकता है, उसे लेकर भी दिल्ली के आलाकमान को संपर्क में रखा। कहा जाता है कि चुनाव से पहले पंजाब में सीएम चेहरे के तौर पर भगवंत मान के नाम की घोषणा के लिए उन्होंने ही आम आदमी पार्टी आलाकमान को सुझाव दिए थे. जिसे बाद में दिल्ली नेतृत्व ने माना भी।
पंजाब में आप ने 92 सीटें जीतीं
गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए चुनाव हुए थे, जिसमें आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। इससे पहले वर्ष 2020 में आम आदमी पार्टी को दिल्ली में बड़ी जीत मिली थी और उसने सरकार बनाई।
कुछ दशकों में दूसरे राज्य में सरकार बनाने वाली पहली क्षेत्रीय पार्टी
पिछले 4-5 दशकों में आम आदमी पार्टी ऐसी क्षेत्रीय पार्टी है, जिसने दूसरे राज्य में सरकार बनाने में सफलता हासिल की है। हालांकि आम आदमी पार्टी ने गोवा और उत्तराखंड में भी चुनाव लड़ा था लेकिन वहां उसे वांछित सफलता नहीं मिल सकी। गोवा में उसे दो सीटों पर जीत हासिल हुई तो उत्तराखंड में खाता भी नहीं खोल सकी लेकिन कहा जा रहा है कि पंजाब की जीत आम आदमी पार्टी को देश के दूसरे राज्यों में अगली चुनावी रणनीति बनाने के लिए प्रेरित करेगी।