छठ पूजा पर हैं ये मान्यताएं, भूल कर भी न करें ये गलतियां

ANEWS OFFICE: दिवाली के बाद मनाए जाने वाले छठ पूजा की को बिहार-झारखंड सहित पूरे भारत में आंशिक तौर पर मनाया जा रहा है। इस पर्व में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है। इसमें सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है और छठी माता की पूजा की जाती है। इस साल यह पर्व 8 नवंबर से शुरू होकर 11 नवंबर तक चलेगा। 8 नवंबर को इस पर्व की शुरुवात नहाय-खाय से होती है। मान्यता है कि इस पर्व में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइये जानते हैं कि इस पूजा के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे किसी तरह की गलतियों से बचा जा सके…

  • मान्यता है कि छठ पूजा के दिनों में कोई भी फलों का सेवन न करें।
  • व्रती को कोशिश करनी चाहिए कि वो किसी तरह का घर में कलह न करे। अगर व्रती घर में प्रेम भाव से रहता है तो उसके घर में सुख-समृद्धि आने की मान्यता है।
  • ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान व्रती को चारपाई या पलंग पर नहीं सोना चाहिए। व्रती को जमीन पर साफ-सुथरा बिस्तर लगाकर सोना चाहिए।
  • मान्यता है कि अगर व्रती या उसके साथ प्रसाद बनाने वाले शुद्धता का ख्याल रखते हैं तो उसे शुभ माना जाता है। इसलिए व्रती को प्रसाद बनाते समय साफ-सुथरे वस्त्र धारण करना चाहिए, जूठे चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
  • तामसिक भोजन से व्रती को पूजा के दिनों के दौरान बचना चाहिए। मान्यता यह भी है कि व्रती के घरवाले भी छठ पूजा के दौरान किसी तरह का तामसिक भोजन न करें। लहसुन-प्याज खाने से भी परहेज करने की मान्यता है पूजा के दिनों में।
  • मान्यता है कि छठ पूजा में सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के लिए तांबा के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • मान्यता है कि व्रती को बिना सूर्य भगवान को अर्ध्य दिए जल, भोजन या किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।

~PBNS

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