बाइक या स्कूटी सवार बच्चों की सुरक्षा के लिए ये हैं केंद्र सरकार के नए दिशा-निर्देश

NEW DELHI: अगर आप भी बाइक या स्कूटी चलाते हैं, तो आपको ये जरूर जान लेना चाहिए कि केंद्र सरकार जल्द ही बाइक चलाने के नियमों में बदलाव करने जा रही है। जी हां, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए ड्राफ्ट भी जारी कर दिया है। बाइक या स्कूटी छोटे सफर के लिए बेस्ट समझी जाती है इसलिए ज्यादातर लोग इसे पसंद करते हैं। दूसरा ये कम खर्चे में चलती है और साथ ही यह ट्रैफिक वाली सड़कों से सफर करने पर समय की बचत करने में भी मददगार साबित होती हैं।

इसलिए भारत में ज्यादातर लोग बाइक या स्कूटी से चलना पसंद करते हैं लेकिन देखने में यह भी आया है कि दोपहिया वाहनों पर चलने वाले लोगों में व्यस्क की सेफ्टी के लिए तो सेफ्टी नियम लागू हैं लेकिन बच्चों के लिए ऐसे कोई नियम नहीं लाए गए थे। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने अब इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गौरतलब हो, साल 2030 तक भारतीय सड़कों पर सड़क दुर्घटनाओं को शून्य करने की दिशा में केंद्र सरकार ने बीते कुछ साल में ऐसे ही कई अहम कदम उठाए हैं।

अब इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने मोटरसाइकिल से सफर करने वालों के लिए नियम में बदलाव किए हैं। ऐसे में इन्हें जानना बेहद जरूरी है। हालांकि ये नियम 1 वर्ष बाद लागू होंगे। लेकिन अभी इस ड्राफ्ट पर लोगों से सरकार ने सुझाव और आपत्ति मांगी हैं। आइए अब जानते हैं इन नए नियमों के बारे में…

4 साल से कम उम्र के बच्चों को बाइक से ले जाने के लिए नियम

केंद्र सरकार द्वारा चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए, मोटर साइकिल पर बैठकर जाने या मोटर साइकिल पर किसी के द्वारा ले जाने के सम्बन्ध में सुरक्षा उपायों के लिए अधिसूचना जारी की गई है। ताकि, बाइक पर सफर के दौरान बच्चे ज्यादा सेफ रहें। इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 15 फरवरी, 2022 की अधिसूचना के माध्यम से सीएमवीआर, 1989 के नियम 138 में संशोधन किया है।

ये है नया नियम… बताना चाहेंगे कि नया नियम मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत अधिसूचित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार, नियमों के अनुसार, चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए, मोटर साइकिल पर बैठकर जाने या मोटरसाइकिल पर किसी के द्वारा ले जाने के सम्बन्ध में सुरक्षा उपायों का प्रावधान कर सकती है।

इसके अलावा, यह सुरक्षा बेल्ट और सुरक्षा हेलमेट के उपयोग को निर्दिष्ट करता है। यह ऐसी मोटर साइकिलों की गति को 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित रखने का भी प्रावधान करता है। केंद्रीय मोटर यान (दूसरा संशोधन) नियम 2022 के प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष पश्चात् मोटरसाइकिल चालक को नौ माह से चार वर्ष की आयु के बालक को पीछे की सीट पर ले जाते समय निम्नलिखित सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित करना होगा…

1. सेफ्टी हार्नेस

चार साल से कम उम्र के बालकों को मोटरसाइकिल के चालक से जोड़ने के लिए सेफ्टी हार्नेस का उपयोग किया जाएगा। सेफ्टी हार्नेस बालक द्वारा पहना जाने वाला एक वेस्ट (बनियान) है, जिसमें वेस्ट से जुड़ी पट्टियों की एक जोड़ी और चालक द्वारा पहने जाने वाले शोल्डर लूप्स होंगे। इस तरह बच्चे का ऊपरी धड़ चालक से सुरक्षित रूप से जुड़ा होगा।

इसकी यही विशेषता है जिसके द्वारा ध्यान रखा जाता है कि वह पट्टियों को बनियान के पीछे से जोड़कर और पट्टियों को वेस्ट के ऊपर से पार करता है ताकि दो बड़े क्रॉसिंग-ओवर लूप बन जाएं जो यात्री के पैरों के बीच से गुजरते हैं और बालक दुपहिया की सीट पर बैठ जाता है। सेफ्टी हार्नेस हल्का वहन, समायोज्य, जलरोधक और टिकाऊ होना चाहिए। साथ ही यह भारी नायलॉन या पर्याप्त कुशनिंग युक्त उच्च घनत्व फोम वाली मल्टीफिलामेंट सामग्री से बना होना चाहिए। इसके अलावा यह 30 किलो तक भार वहन करने की क्षमता वाला होना चाहिए।

2. क्रैश हेलमेट

9 मास से 4 साल की आयु के बीच के पीछे बैठने वाले बालक सवारी को क्रैश हेलमेट अवश्य पहनना होगा और यह चालक सुनिश्चित करेगा। हेलमेट बच्चे के सिर में फिट बैठने वाला होना चाहिए

3. मोटर साइकिल की गति सीमा

चार वर्ष तक के बच्चे को पीछे बिठाने वाले मोटरसाइकिल की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए। यानि मोटर साइकिल पर यदि बच्चा बैठा है तो उसकी गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होने पर दंडनीय होगा।

जनवरी 2023 से नियम होंगे लागू

जानकारी के मुताबिक, सड़क परिवहन मंत्रालय व राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने नोटिफिकेशन पर नवंबर के अंत तक आपत्ति मांगी हैं। जो भी आपत्तियां आएगी उनका समाधान किया जाएगा। इसके बाद गजट जारी कर संशोधन कर दिया जाएगा। नोटिफिकेशन में साफ तौर पर कहा गया है कि संशोधन के एक साल बाद नए नियम लागू होंगे।

यानि दिसंबर तक आपत्तियों का निपटारा होने के बाद इसमें संशोधन कर दिया जाएगा और एक साल बाद 2022 के अंत तक या जनवरी 2023 में यह नियम लागू हो जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लक्ष्य को हासिल करने में सरकार ‘जन-भागीदारी’ और ‘जन-सहभाग’ जैसे जन आंदोलन के माध्यम से ही कामयाब हो सकती है। इस ‘जन-सहभाग’ को सफल बनाने के लिए सरकारों को केन्द्रीय, राज्य और नगर निकायों के स्तर पर एक सकारात्मक सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए।

error: Content can\\\'t be selected!!