पूर्व मेयर बोले- नुकसान की भरपाई एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से ही करे चंडीगढ़ नगर निगम
CHANDIGARH, 5 JUNE: सेक्टर-17 स्थित मल्टीलेवल पार्किंग में लीकेज के मामले मेें चंडीगढ़ के पूर्व मेयर एवं आम आदमी पार्टी के पूर्व सह प्रभारी तथा पंजाब लार्ज इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन प्रदीप छाबड़ा ने सीबीआई जांच की मांग की है। प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि जांच कमेटियों की रिपोर्ट में मल्टीलेवल पार्किंग में लीकेज के पीछे विभागीय गलती बताई गई थी। उसके बावजूद नगर निगम द्वारा उस समय के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पर विभागीय जांच व सख्त कार्रवाई नहीं की गई, जोकि एक बहुत बड़ा सवाल है। छाबड़ा ने कहा कि यह बात स्पष्ट है कि मल्टीलेवल पार्किंग बनाने में घटिया मेटेरियल इस्तेमाल किया गया था, जो कि नगर निगम अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं था।
गौरतलब है कि नगर निगम के जिस एग्जीक्यूटिव इंजिनियर पर प्रदीप छाबड़ा ने गंभीर आरोप लगाए हैं, वह पंजाब से तीन साल के लिए डेपुटेशन पर लगाए गए थे, जोकि करीब 10 साल बीतने के बाद भी नगर निगम में तैनात हैं। छाबड़ा का कहना है कि नगर निगम के उच्च अधिकारी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पर मेहरबान हैं और उन्हें लगातार एक्टेंशन देने में लगे हैं, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन के आदेश हैं कि डेपुटेशन पर बुलाए गए सभी अधिकरियों को समय पर रिलीव किया जाए। प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि इस मामले में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने निगम को कंपनी की 5.50 करोड़ रुपए सिक्योरिटी मनी लौटाने को कहा है। सिक्योरिटी मनी पर 10 प्रतिशत भुगतान लीगल नोटिस देने से लेकर केस फाइल करने तक और 12 प्रतिशत ब्याज के साथ केस फाइल करने से लेकर फैसला आने तक भुगतान करने को कहा है। इस नुकसान का जिम्मेदार कौन है ? नगर निगम क्लीयर करे।
प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि इस नुकसान की भरपाई एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से ही करनी चाहिए। जनता के पैसों को नगर निगम में बैठे भष्ट्राचारी काली कमाई में तबदील कर रहे हैं। मल्टीलेवल पार्किंग में घोटाले को नगर निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की भूमिका से अंजाम दिया गया है। प्रदीप छाबड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोकल कमिश्नर और आईआईटी रोपड़ की टीम ने लीकेज के लिए निगम के अफसरों पर ही सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में 15 मई 2019 को विजिलेंस ने रिपोर्ट दी। इसमें माना गया कि गलतियां विभाग ने कीं। रिपोर्ट में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई और एक्सपर्ट की सलाह लेने को कहा गया है। निगम ने आईआईटी रोपड़ से पार्किंग की जांच के लिए कहा। एक्सपर्ट ने 31 दिसंबर 2019 को रिपोर्ट में पार्किंग के स्ट्रक्चर पर सवाल खड़े किए, कंपनी के काम को ठीक बताया।