महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरित होकर ही मानवता का कल्याण संभवः डाॅ. मीरा गौतम

CHANDIGARH: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयन्ती तथा भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयन्ती स्थानीय सैक्टर-16 स्थित गांधी स्मारक भवन में बड़ी श्रद्धा एवं उल्लास से मनाई गयी। नगर निगम चण्डीगढ़ के पार्षद एवं पूर्व मेयर देवेश मोदगिल ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर दोनों महान हस्तिओं को अपने श्रृद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि आज करोना काल में हमारे जीवन के तरीकों में काफी बदलाव आ चुका है और युवा वर्ग को चाहिए कि अपनी ऊर्जा रचनात्मक कार्यों में लगाए।

गांधी स्मारक भवन में गांधी-शास्त्री जयंती पर चरखा चलाते हुए पूर्व मेयर देवेश मोदगिल।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कुरुक्षेत्र की हिन्दी विभाग की रीडर एवं विश्वविद्यालय की डीन रहीं डाॅ. मीरा गौतम ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश में कई आन्दोलन चलाये लेकिन उन सभी की विषेशता यह रही कि वे सभी शान्ति पूर्वक एवं अहिंसक रहे। डाॅ. मीरा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए उनका आदिवासी जंगल बचाओ आन्दोलन अनूठा था। क्योंकि वे प्रकृृति प्रेमी थे।पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट अरूण जौहर ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को राष्टपिता की आत्मकथा जरूर पढ़नी चाहिए क्योंकि बापू कहते थें उनका जीवन ही उनका संदेश है। जौहर ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी की ईमानदारी की मिसाल आज के नेताओं में कहीं नहीं मिलती। नेताओं को अपनी कथनी और करनी एक रखनी चाहिये।

प्रसिद्ध समाजसेवी डाॅ. सुभाष गोयल ने कहा कि महात्मा गांधी प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास रखते थे। आज भी देश में आयुर्वेदिक दवाईओं का प्रयोग करने वाले लोग काफी हद तक करोना महामारी की चपेट में आने से बचें हुए है। डाॅ. देवराज त्यागी निदेशक गांधी स्मारक भवन ने अपने सम्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी के द्वारा दिखाये सत्य के रास्ते पर चलना चाहिए। गांधी जी को महात्मा की उपाधि रविन्द्रनाथ टैगोर ने तथा राष्ट्रपिता की उपाधि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने दी थी। गांधी जी 2,338 दिन जेल में रहें। महात्मा गांधी के नाम पर भारत में 53सड़के तथा विदेशों में 48सड़के है। विदेशो में उनकी प्रतिमाये लगाई जा रही है। 

गांधी स्मारक भवन में गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पूर्व मेयर देवेश मोदगिल, डा. मीरा गौतम, देवराज त्यागी व अन्य।

चण्डीगढ़ दूरदर्शन के डायरेक्टर डाॅ. एन.एस. मिन्हास ने कहा कि राष्ट्रपिता ने नमक आन्दोलन और दाण्डी यात्रा करके देश को शोषणमुक्त करने का संदेश दिया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में इस आन्दोलन का नाम अमर हो गया। डाॅ. एम. पी. डोगरा, मुख्य प्राकृतिक चिकित्सक गांधी स्मारक भवन ने कहा कि राष्ट्रपिता की विचार धारा, सत्य, अहिंसा, त्याग, परोपकार अगर हम इन चीजों को अपने जीवन में अपनायेगे तो ही मानवता का कल्याण होगा। डाॅ. डोगरा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद भी किया।कार्यक्रम के प्रारम्भ सामूहिक स्वच्छता अभियान, सामूहिक चर्खा कताई, दीप प्रज्जवल एवं गांधी जी के प्रिय भजन वैष्णवजन से हुआ।

पं. मोहनलाल एस.डी. पब्लिक स्कूल सैक्टर 32 चण्डीगढ़ की म्यूजियम टीचर श्रीमती नीलम शर्मा एवं स्कूली छात्र-छात्रओं ने समधुर भजनों से दर्शनो को ओत-प्रोत कर दिया। इस अवसर पर डाॅ. अनीश गर्ग एवं डाॅ. भूपिन्दर शर्मा को समाज सेवा में उत्तम योगदान के लिये सम्मानित किया गया। गांधी संग्रहालय का मुख्य आकर्षण वरूण टण्डन द्वारा बनाई गई 25 फुट की बापू की पोट्रेट दाण्डी मार्ग की जो नमक से बनाई गई का रहा। बहुत भारी संख्या में इसको पसन्द किया गया। कार्यक्रम में रमन शर्मा,योगी नरेश शर्मा, डाॅ. वीना, डाॅ. दलजीत कौर, ममता बहल, कंचन भल्ला, संतोष गर्ग, उर्मिला राठी, पूनम शर्मा,आदि सम्मिलित हुए।कार्यक्रम का संचालन सुश्री पापिया चक्रवर्ती ने सफलता पूर्वक किया।   

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