UVM अध्यक्ष कैलाश चन्द जैन ने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर दी मामले की जानकारी, व्यापारियों के लिए राहत की मांग की
CHANDIGARH, 6 DECEMBER: चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारियों को दिए गए बिल्डिंग वायलेशन व बिल्डिंग मिस यूज के नोटिसों पर मचा घमासान अब केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंच गया है। उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ ने इस मामले में औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारियों को समर्थन दिया है तथा चंडीगढ़ मामलों के प्रभारी मंत्री एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को पत्र भेजकर मामले की पूरी जानकारी दी है। साथ ही शहर के व्यापारियों को राहत दिए जाने की मांग की है।
UVM के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन के अनुसार पत्र में पूरे मामले की विस्तार से जानकारी दी गई है। कैलाश जैन का कहना है कि इंडस्ट्रियल एरिया के इन व्यपारियों द्वारा जीएसटी अथवा अन्य टैक्स के रूप में बड़ी भारी राशि सरकार को दी जाती है। इसके अलावा ये व्यापारी बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। अगर इनको राहत नहीं दी गई तो इनके पास अपना कारोबार बंद करके यहां से पलायन करने के अलावा कोई विकल्प उपलब्ध नहीं होगा, जिससे सरकार को भी राजस्व की हानि होगी। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे तथा कारोबारियों का भी काफी नुकसान होगा। इसका सीधे तौर पर चंडीगढ़ की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।
UVM ने मांग की है कि इन व्यापारियों को दिए गए सभी नोटिस वापस लिए जाएं या जब तक प्लाटों के लिए कोई फाइनल पॉलिसी न बन जाए तब तक इन नोटिसों को स्थगित किया जाए औऱ पॉलिसी फाइनल होने तथा मान्य होने से पहले भविष्य में भी इस मामले में नोटिस न दिए जाएं। चूंकि इंडस्ट्रियल एरिया को इंडस्ट्रियल एंड बिजनेस पार्क बना दिया गया है, इसलिए एमएसएमई के तहत आने वाली हर प्रकार की बिजनेस एक्टिविटी को इंडस्ट्रियल एरिया में भी किए जाने की इजाजत दी जानी चाहिए।
कैलाश जैन ने यह भी मांग की है कि इंडस्ट्रियल एरिया के प्लाटों में ग्राउंड फ्लोर की फुल कवरेज के साथ FAR बढ़ाकर तीन मंजिल तक निर्माण की इजाजत दी जाए। प्लाट एरिया के अंदर किए गए नीड बेस्ड चेंजिज को मंजूरी दी जाए। इसके अलावा किसी भी पॉलिसी को बनाने से पहले स्टेकहोल्डर्स को विश्वास में लिया जाना चाहिए तथा उनकी सहमति से पॉलिसी बनाई जाए। कैलाश जैन ने आशा व्यक्त की है कि इस मामले में व्यपारियों को शीघ्र राहत मिलेगी।