CHANDIGARH: उद्योग व्यापार मंडल (UVM) चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित को एक ज्ञापन भेजकर चंडीगढ़ में पटाखों पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध पर शीघ्र पुनर्विचार कर सर्वोच्च न्यायालय की नवीनतम टिप्पणी के आधार पर जो पटाखे प्रतिबंधित नहीं हैं, उनकी बिक्री व उन्हें चलाए जाने की मंजूरी दिए जाने की मांग की है।
ज्ञापन में कैलाश चंद जैन ने कहा है कि दीवाली व अन्य तीज-त्योहारों पर पटाखे चलाना हिंदू संस्कृति का हिस्सा है और देशभर में लाखों कारीगर व कारोबारी इस धंधे से जुड़े हुए हैं। अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी सपष्ट कर दिया है कि सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है। इसलिए जिन पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है, चंडीगढ़ में उनको चलाने व बेचने की इजाजत दी जानी चाहिए। केवल प्रतिबंधित रसायन के प्रयोग से बनने वाले पटाखों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। प्रशासन इस बारे में पटाखे कैटेगराइज करके लिस्ट जारी करे तथा न्यूनतम प्रदूषण वाले पटाखों को चलाने व बिक्री की इजाजत दे। इससे प्रदूषण पर रोक भी लगेगी, न्यायालय के आदेशों का पालन भी होगा और त्योहार भी फीका नहीं रहेगा तथा इस कारोबार से जुड़े लाखों कर्मचारियों व दुकानदारों का नुकसान भी नहीं होगा।
कैलाश जैन का कहना है कि बेशक यह सत्य है कि प्रदूषण से अपने शहर की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है लेकिन प्रदूषण हर तरह के पटाखों से नहीं फैलता। कुछ विशेष प्रकार के पटाखों से ज्यादा फैलता है, जिन पर रोक लगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में ही नहीं, पूरे विश्व में खुशी जाहिर करने का माध्यम पटाखे चलाना है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में भी ग्रीन पटाखों पर बैन नहीं है। ट्राइसिटी के तहत ही पंचकूला व मोहाली में भी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। कैलाश जैन ने प्रशासक से आग्रह किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्टीकरण के अनुसार केवल प्रतिबंधित रसायन के प्रयोग से बनने वाले पटाखों पर ही बैन लगाया जाना चाहिए, अन्य आम पटाखों को चलाने व बिक्री की मंजूरी दी जाए। साथ ही इस संबंध में फैसला समय रहते किया जाए, ताकि पटाखा कारोबारी भी अपनी तैयारियां कर सकें।