सुखबीर बादल की आलोचना की, आरोप लगाया-जांच को लटकाने के लिए अकालियों की भाजपा के साथ सांठगांठ
CHANDIGARH: कोटकपुरा गोली काँड केस में जांच को पूरी तरह निष्पक्ष बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कहा कि उनकी सरकार पंजाब पुलिस की एस.आई.टी. की जांच को रद्द करने या इसके प्रमुख को हटाने के किसी भी हुक्म को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।
इस सम्बन्ध में मीडिया रिर्पोटों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार की लीगल टीम को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के हुक्मों की कॉपी मिलने पर तुरंत इस केस की जाँच-पड़ताल करने के हुक्म दिए हैं। उन्होंने टीम को यह भी आदेश दिए हैं कि यदि एस.आई.टी. को रद्द करने या इसके प्रमुख को हटाने के हुक्म दिए गए तो इसको सर्वोच्च अदालत में चुनौती देने के लिए केस तैयार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको दिल्ली से वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा के नेतृत्व वाली राज्य की कानूनी माहिरों की टीम पर पूरा भरोसा है जो इस केस में हाईकोर्ट में पेश हुई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केस को कानूनी निष्कर्ष पर ले जाया जायेगा और कोई भी दोषी बक्शा नहीं जायेगा, चाहे वह राजनैतिक तौर पर कितना भी ताकतवार या प्रभाव रखने वाला हो।
उन्होंने लंबे समय से इन्साफ के इन्तज़ार में गोली कांड के पीडि़त परिवारों को न्याय दिलाने समेत उनकी सरकार के हरेक वादे को पूरा करने के लिए अपनी वचनबद्धता को दोहराया है। एस.आई.टी. के प्रमुख कुँवर विजय प्रताप सिंह और उनकी निगरानी अधीन अब तक की गई जांच में पूरा विश्वास प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बहुत ही योग्य और तजुर्बेकार अधिकारी हैं जो विशेष जांच टीम के गठन के समय से लेकर केस पर शिद्दत से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुंवर विजय प्रतार सिंह के नेतृत्व अधीन एस.आई.टी. द्वारा पूरी तरह निष्पक्ष और पक्षपात रहित जांच की जा रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि उनकी सरकार को इस पड़ाव पर अधिकारी बदलना या नए सिरे से एस.आई.टी. का गठन करना मंज़ूर नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जांच बहुक आगे बढ़ चुकी है और बरगाड़ी की बेअदबी घटना के बाद घटी साल 2015 की घटना केस में सम्बन्धित व्यक्तियों के खि़लाफ़ चार चालान पहले ही दायर किए जा चुके हैं और अंतिम रिपोर्टें भी सैशन अदालत में सुनवाई के लिए दायर की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने ऐसे गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर घटिया राजनीति का खेल जारी रखने के लिए शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की भी निंदा की। उन्होंने बादलों के खि़लाफ़ राजनैतिक बदलाखोरी के दोषों को पूरी तरह अनुचित और बेबुनियाद कह कर रद्द करते हुए कहा कि यदि उन्होंने अपने राजनैतिक विरोधियों को ऐसे घटिया हत्थकंडे इस्तेमाल करके तंग करना होता तो सत्ता संभालने के बाद उन्होंने तुरंत ऐसा कर दिया होता और अभी तक उनको बख़्शा न होता। उन्होंने कहा कि यदि मैं और मेरी पार्टी निष्पक्ष ढंग से मुकदमा चलाने में यकीन रखते हैं तभी पंजाब में हर विरोधी पार्टी और नेता बिना किसी डर के मेरी सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
सुखबीर द्वारा राजनैतिक जांच में चार साल बर्बाद करने के लगाए गए दोषों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ही थी, जिसका कि अकाली हिस्सा रहे हैं, जो शिरोमणि अकाली दल के इशारे पर सी.बी.आई. के ज़रिये मामले की जांच में रोड़े बिछा रही थी।
उन्होंने कहा कि अकाली इस मामले पर लोगों की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं, जैसे कि वह किसान आंदोलन समेत पंजाब के हितों के हर बड़े मुद्दे पर करते आ रहे हैं। कैप्टन अमरिन्दर ने कहा, ‘‘हम नैतिक तौर पर यह यकीनी बनाने के लिए पाबंद हैं कि दोषियों को सज़ा मिले और इतने सालों के दौरान इंसाफ़ का इन्तज़ार कर रहे मासूम परिवारों को इस केस में अंतिम फ़ैसला मिले। उन्होंने कहा कि इस पूरी कार्यवाही में किसी को दख़ल देने की आज्ञा नहीं दी जाएगी।