किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले NRI पंजाबियों को भारत सरकार तंग न करेः धालीवाल

विदेशी नागरिकों को पंजाब में कृषि के लिए जमीन खरीदने की इजाजत देने की वकालत की

CHANDIGARH, 24 MAY: पंजाब के प्रवासी मामलों संबंधी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा है कि जिन प्रवासी पंजाबियों ने किसान आंदोलन के दौरान हिस्सा लिया था, उनको केंद्र सरकार तंग-परेशान करना बंद करे। यहाँ जे डब्ल्यू मेरियट होटल में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और पंजाब के एन आर आई विभाग द्वारा सांझा तौर पर करवाए गए विदेश संपर्क प्रोग्राम के दौरान बोलते हुये धालीवाल ने कहा कि जिन प्रवासी पंजाबियों ने किसानी आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार के कृषि विरोधी कानूनों के विरुद्ध हिस्सा लिया था, उनको भारत में आने से रोके जाने और अन्य कई तरीकों से परेशान किया जा रहा है और कईयों को काली सूची में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बरताव बंद होना चाहिए क्योंकि प्रवासी पंजाबियों ने इस आंदोलन में इसलिए हिस्सा लिया था क्योंकि वे अपने देश, अपनी भूमि को प्यार करते हैं और यहाँ की तरक्की के लिए चिंतित हैं। प्रवासी पंजाबियों समेत हरेक विदेशी भारतीय अपनी ज़मीन के प्रति भावुक होता है। उन्होंने कहा कि प्रवासी पंजाबियों के प्रति ऐसे व्यवहार करके विदेशों में भारत सरकार के प्रति नकारात्मक संदेश जा रहा है, जिसको रोका जाना चाहिए।

धालीवाल ने एक और गंभीर मुद्दा उठाते हुये कहा कि विदेशों में राजनैतिक शरण लेने वालों के लिए भी भारत सरकार को कोई ठोस नीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब ऐसे व्यक्ति विदेशों में पक्के हो जाते हैं तो उनको अपनी जन्म भूमि पर लौटने में बहुत मुश्किल आती है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक शरण लेते समय सबंधित व्यक्ति के हालात चाहे कैसे भी रहे हों परन्तु विदेश में पक्के होने के बाद वह अपने देश में आ सकता है या नहीं, इस मसले को हल करने के लिए भारत सरकार को आगे आना चाहिए।

धालीवाल ने इस मौके पर बोलते हुये विदेशी नागरिकों ख़ास तौर पर प्रवासी पंजाबियों को पंजाब में कृषि के लिए ज़मीन खरीदने की इजाज़त देने की भी वकालत की। उन्होंने कहा कि प्रवासी कमर्शियल ज़मीन तो खरीद सकते हैं परन्तु कृषि के लिए ज़मीन खरीदने की उनको इजाज़त नहीं है और इस संबंधी भी कोई ठोस हल निकाला जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रवासी पंजाबियों के मसलों के हल के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार बहुत सार्थक कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि जहाँ एन आर आई सम्मेलन करवा के प्रवासी पंजाबियों की समस्याओं को दूर किया वहीं हरेक एन आर आई की शिकायत का गंभीर नोटिस लेकर सबंधित विभाग को पहल के आधार पर शिकायतों को निपटाने के निर्देश जारी किये हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालाँकि पंजाब सरकार प्रवासी पंजाबियों के मसले हल करने के लिए गंभीर और वचनबद्ध है परन्तु कई मसले भारत सरकार के स्तर पर हल होने होते हैं इसलिए केंद्र सरकार राज्य सरकार का सहयोग करे।

उन्होंने कहा कि जो ट्रैवल या इमीग्रेशन एजेंट भोले-भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर मानवीय तस्करी करते हैं, ऐसे लोगों के विरुद्ध शिकंजा कसने की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है। पंजाब में जगह-जगह खुलीं आईलैटस की दुकानें, जिनमें से ज़्यादा विद्यार्थियों का अंधाधुंध आर्थिक शोषण हो रहा हैं, संबंधी बोलते हुये धालीवाल ने कहा कि पंजाब और पड़ोसी राज्यों में से बड़ी संख्या में नौजवान विदेशों में जा रहे हैं और 4-5 महीनों के आईलैटस कोर्स के लाखों रुपए लिए जा रहे हैं। धालीवाल ने सुझाव दिया कि आईलैटस जैसे कोर्सों को हमारी शिक्षा व्यवस्था के साथ जोड़ना चाहिए। इससे जहाँ नौजवानों की अंग्रेज़ी भाषा पर पकड़ मज़बूत होगी वहीं वह आर्थिक लूट से भी बच जाएंगे।

धालीवाल ने प्रवासी भारतीयों के लिए स्पेशल अदालतों की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया जिससे उनके मसलों का समयबद्ध तरीके से निपटारा हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार विदेशों में नियुक्त किये अम्बैसडरों को यह दिशा-निर्देश जारी करे कि वे प्रवासी भारतीयों के प्रति संवेदना और आदर रखें क्योंकि ऐसीं शिकायतें आम मिलती रहती हैं कि बाहर दूतावासों के स्टाफ का व्यवहार प्रवासियों के प्रति बहुत निराशाजनक और नकारात्मक होता है। धालीवाल ने यह सुझाव भी दिया कि विदेश संपर्क प्रोग्राम में विचार-चर्चा के लिए प्रवासी भारतीयों को भी बुलाया जाये और प्रवासियों के मसलों के हल के लिए इस तरह के समागम होते रहने चाहिएं।

इस मौके पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सचिव डा. औसफ सैयद, पंजाब के एन आर आई विभाग के प्रमुख सचिव दिलीप कुमार, सचिव कंवल प्रीत बराड़ के इलावा प्रशासन और पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी और विदेश मंत्रालय के अधिकारी हाजिर थे।

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