यमुनानगर स्थित थड़ा साहिब गुरुद्वारे में आयोजित शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री
YAMUNANAGAR: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन की अनदेखी पर केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि किसानों की अनदेखी करने वालों को किसान अच्छी तरह सबक सिखाना जानते हैं। इसलिए जो किसान को सताने का काम करेगा, किसान उसे सत्ता से हटाने का काम करेगा। हुड्डा आज यमुनानगर के नौवी पातशाही गुरु तेग बहादुर थड़ा साहिब गुरुद्वारे में आयोजित शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे के समारोह में शामिल होना उनके लिए गर्व की बात है। क्योंकि, जो देश या समाज अपने शहीदों का सम्मान नहीं करता, वो आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसे आयोजन देश और समाज को शहीदों की क़ुर्बानियों और उनके योगदान की याद दिलाते हैं। वो इस धरती को बार-बार नमन करते हैं। उन्हें यहां आने से उन्हें बड़ी ऊर्जा और हौसला प्राप्त हुआ है।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनरत किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ हैं। सरकार को बिना देरी किए उनकी मांग माननी चाहिए और आंदोलन को ख़त्म करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार देश का भला करना चाहती है तो वह किसान हित को ध्यान में रखकर नीतियाँ बनाए। हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हमने किसानों को उनकी फसलों का उचित रेट देने और उन्हें कर्ज मुक्त करने के लिए कई कदम उठाए थे। हमारी सरकार ने प्रदेश में किसानों के 2136 करोड़ रुपये के कर्ज़े माफ़ किए थे। साथ ही 1600 करोड़ के बिजली बिल माफ़ करने का ऐतिहासिक फ़ैसला भी किया था। फसली ऋण पर ब्याज को ख़त्म कर शून्य फ़ीसदी कर दिया था, जो कि पहले 12 फ़ीसदी तक हुआ करता था। इतना ही नहीं कांग्रेस सरकार के दौरान खाद, बीज और कृषि उपकरणों पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता था।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों को याद है कि हमारी सरकार के दौरान धान का रेट एमएसपी के पार 5000 रुपये तक पहुंच गया था। पोपुलर भी 1250 रुपये के रेट पर ख़रीदा जाता था। पोपुलर के पत्ते तक इतने महंगे बिकते थे कि किसान अपनी बेटियों की शादी का ख़र्च जुटा लेते थे। हमारी सरकार के दौरान कपास और गन्ने का रेट देश में सबसे ज़्यादा था। लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद 6 साल में गन्ने के रेट में बमुश्किल 40 रुपये ही इज़ाफ़ा हुआ है। जबकि, कांग्रेस सरकार ने गन्ने के रेट में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी करते हुए उसे 117 से बढ़ाकर 310 रुपये तक पहुंचाया था। यानी गन्ने के रेट में ऐतिहासिक 193 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई थी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मौजूदा सरकार फसलों का रेट बढ़ाने की बजाए पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस का दाम बढ़ाने में लगी है। तेल के दामों का सीधा कनेक्शन महंगाई से है। ज़ाहिर है अगर तेल के दाम बढ़ेंगे तो ट्रांसपोर्ट किराया, परिवहन, आवागमन, व्हीकल चलाना और उत्पादन महंगा हो जाएगा।
हुड्डा ने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल के दौरान हरियाणा में तेल सबसे सस्ता था, क्योंकि उसपर वैट कम था। उस समय डीजल पर वैट 9 प्रतिशत था, जो कि बीजेपी राज में बढ़कर दोगुना हो गया है। एक तरफ प्रदेश सरकार का वैट तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार की भारी एक्साइज़ ड्यूटी, आम आदमी पर महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है। पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस जैसी ज़रूरी चीज़ें आम आदमी की पहुंच दूर होते जा रही हैं। पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिये हरियाणा सरकार को वैट घटाना चाहिए।