CHANDIGARH: चंडीगढ़ की मेयर राजबाला मलिक का इस पद पर कार्यकाल अब समाप्त होने को है। 8 जनवरी को उनकी जगह नया मेयर कुर्सी संभाल लेगा। लिहाजा, साल के अंतिम महीने में भाजपा पार्षद राजबाला मलिक के एक साल के मेयर कार्यकाल की समीक्षा भी शुरू हो गई है। राजबाला मलिक के मेयर कार्यकाल को सबसे पहले चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस ने उनके अपने वार्ड में ही घेर लिया है।
कोई कह नहीं सकता कि यह मेयर का है वार्ड
चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपा दुबे ने मेयर और वार्ड नं. 2 की एरिया पार्षद राजबाला मलिक पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह अच्छी बात है कि शहर में डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट्स शुरू हो रहे हैं। मेयर उनका उदघाटन कर रही हैं, क्योंकि वह पूरे शहर की महापौर हैं लेकिन मेयर की कुर्सी पर रहते किसी भी पार्षद को अपने क्षेत्र पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए। दीपा दुबे ने कहा कि मेयर राजबाला मलिक के वार्ड नंबर-2 के सेक्टर-15 को ही कोई देखे तो कह नहीं सकता कि यह मेयर का अपना वार्ड है। यहां रोड गली, सड़क, सफाई से लेकर साइकिल ट्रैक , ग्राउंड, झूले, बैक लेन, ग्राउंड में लगे लाइट पोल, बस क्यू शैल्टर, पार्क के वाकिंग ट्रैक सभी दयनीय हालात में हैं।
चार साल में कोई नया विकास कार्य नहीं कराया
चंडीगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष का कहना है कि माना कि नगर निगम की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है, फिर भी वार्डों के जरूरी कार्य तो हो ही सकते है। दुबे ने कहा कि किसी अन्य के वार्ड में एक ही दिन में 3 से 4 प्रोजेक्ट का रिबन काटना मेयर और वार्ड नं 2 की पार्षद राजबाला मलिक की सियासी असुरक्षा की भावना को दर्शाता है। दीपा दुबे ने कहा कि पिछले 4 सालों में एरिया पार्षद और चंडीगढ़ की मेयर राजबाला मलिक ने अपने वार्ड नंबर 2 में कोई भी नया विकास कार्य शुरू नहीं करवाया, न ही पुराने कार्यों के रखरखाव पर ध्यान दिया। राजबाला मलिक जहां नाकारा एरिया पार्षद साबित हुईं, वहीं वह सिर्फ रिबन काटने व शिलान्यास करने वाली मेयर बनकर रह गईं।
दीपा दुबे राजबाला मलिक
चुनाव घोषणा पत्र में की थीं बड़ी-बड़ी बातें
दीपा दुबे ने कहा कि भाजपा नेता राजबाला मलिक ने 2016 के नगर निगम चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र में बहुत बड़ी-बड़ी बातें वार्ड को बेहतर बनाने के लिए कहीं थीं लेकिन आज वार्ड नंबर-2 का इतना बुरा हाल है कि यहां के लोग खुद के मतों को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। राजबाला मलिक चाहती हैं कि हर चीज का क्रेडिट उन्हें ही मिलना चाहिए, भले ही उनका कार्यकाल सुपर फ्लॉप क्यों न रहा हो।