पंजाब के राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर केंद्र सरकार तक भावनाएं पहुंचाने का किया आग्रह
CHANDIGARH, 25 MAY: चंडीगढ़ की पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास के नेतृत्व में आज दलितों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ के प्रशासक एवं पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के नाम एक ज्ञापन पंजाब राजभवन में सौंपा। इसमें देश के नए संसद भवन का उदघाटन राष्ट्रपति से करवाए जाने की मांग करते हुए चंडीगढ़ के दलितों की भावनाओं को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का आग्रह किया गया है।
ज्ञापन में पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने कहा कि भारत सरकार ने 28 मई 2023 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन का उदघाटन निश्चित किया है लेकिन यह उदघाटन देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू से करवाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कर रहे हैं। कमलेश बनारसीदास ने कहा कि राष्ट्रपति की इस उपेक्षा को लेकर चंडीगढ़ के दलित समुदाय में भी भारी रोष है और इसे देश की पहली दलित आदिवासी महिला राष्ट्रपति के अपमान के साथ पूरा दलित समुदाय अपना अपमान मानता है।
कमलेश बनारसीदास ने कहा कि भाजपा ने हमेशा दलितों और आदिवासियों का अपने हितों के लिए केवल राजनीतिक इस्तेमाल किया है। नए संसद भवन के उदघाटन के मौके पर केंद्र की भाजपा सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च संवैधानिक पद का भी भाजपा ने सिर्फ अपने हित साधने के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में दलित आदिवासी महिला श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाना भाजपा का सिर्फ राजनीतिक हथकंडा था, जबकि कई विपक्षी दलों ने अपनी पार्टी लाइन से हटकर सिर्फ दलित आदिवासी महिला के सम्मान और अधिकार को सर्वोपरि मानकर राष्ट्रपति के चुनाव में श्रीमती द्रोपदी मुर्मू का समर्थन किया था और आज नए संसद भवन के उदघाटन के अवसर पर भी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के सम्मान व अधिकार के लिए विपक्ष एकजुटता दिखा रहा है। इसके लिए चंडीगढ़ का दलित समुदाय इन विपक्षी दलों का आभारी है और भारत सरकार से आग्रह करता है कि नए संसद भवन के उदघाटन के मौके पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को न केवल पूरे संवैधानिक सम्मान के साथ आमंत्रित किया जाए, बल्कि नए संसद भवन का उदघाटन भी राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू से ही करवाया जाए।
पूर्व मेयर कमलेश बनारसीदास ने यह भी कहा कि यदि राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू की उपेक्षा जारी रही तो चंडीगढ़ का दलित समुदाय इसे सहन नहीं करेगा और नए संसद भवन के उदघाटन के दौरान सेक्टर-17 प्लाजा पर धरना देकर अपना विरोध दर्ज करवाएगा।