जनरल डायर को रोटी खिलाने वाले और धार्मिक स्थलों पर टैंक चढ़ाने वालो ने हाथ मिलाया: भगवंत मान
CHANDIGARH, 4 JUNE: जालंधर में एकत्र हुए विपक्षी दलों के नेताओं की आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इको थाली दे चट्टे बट्टे, इको थां होए इकठ्ठे।
यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कोई भी इन राजनीतिक दलों के इतिहास बारे में जानता है, उनको अच्छी तरह से पता है कि उनके हाथ पंजाब और पंजाबियों के खून से रंगे हुए है। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों का पंजाब विरोधी रिकॉर्ड रहा है और उनके पंजाब विरोधी रुख के कारण राज्य की प्रगति और समृद्धि में बाधा आई है, जिससे पंजाब को भारी नुकसान उठाना पड़ा। भगवंत मान ने कहा कि ये दल जब-जब सत्ता में रहे हैं, एक-दूसरे के हितों की रक्षा करते रहे , लेकिन जब से आम आदमी पार्टी की सरकार ने प्रदेश की सत्ता अपने हाथ में ली है, प्रदेश को लूटने वालों के मंसूबे बेनकाब हो गए है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता परिवर्तन से डरे इन नेताओं ने अपने वैचारिक मतभेद भुलाकर राज्य सरकार का विरोध करने के लिए हाथ मिला लिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि इन नेताओं का स्वभाव बुनियादी तौर पर एक-दूसरे से अलग है, लेकिन इन सभी राजनीतिक पार्टियों के हाथ किसी न किसी तरह से पंजाबियों के खून से रंगे हुए है। भगवंत मान ने कहा कि इनमें से कुछ नेताओं के पूर्वजों ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद जनरल डायर को भोजन करवाया, जबकि कुछ नेताओं के पूर्वजों ने पंजाबियों के पवित्र धार्मिक स्थलों पर टैंक चढाए है , जिससे उनकी हीन मानसिकता का पता चलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जालंधर की सभा में वे नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने किसान विरोधी काले कानून बनाए, जिससे प्रदेश के सैकड़ों बेगुनाह किसानों को शहीद होना पड़ा। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि यह हास्यास्पद है कि इन नेताओं ने उन लोगों के साथ मंच साझा किया जिन पर शहीदों के नाम पर बने स्मारकों मेंअनियमितताओं के आरोप लगे हैं । भगवंत मान ने पंजाबियों को याद दिलाया कि ये नेता कभी राज्य के पानी की रक्षा के लिए एकत्र नहीं हुए और न ही श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करने वालों को सजा दिलाने के लिए एकत्रित हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है कि इन नेताओं ने राज्य से जुड़े मुद्दों के लिए कभी हाथ नहीं मिलाया, बल्कि अब अपनी चमड़ी बचाने के लिए साथ आए है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं का पंजाब की प्रगति, समृद्धि और शांति से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि इनका एकमात्र एजेंडा अपने हितों की रक्षा करना है। भगवंत मान ने कहा कि वह हर पंजाबी को विश्वास दिलाते है कि इन नेताओं को उनके पापों का हिसाब दिया जाएगा और उन्हें राज्य के खजाने से लूटी गई पाई-पाई वापस करनी होगी।