सैक्टर-36 में ‘फॉसवॉक’ बहस के दौरान चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चावला बोले-हम नगर निगम में ‘फॉसवॉक’ की भागीदारी के लिए सहमत
CHANDIGARH: ‘यदि कहीं भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय सांसद तथा उसके अन्य नेता केन्द्र सरकार से मिलने वाले अनुदान (ग्रांट) का कोटा बढ़वा लेते तो चण्डीगढ़ के निवासियों को अनुपयुक्त करों (टैक्सों) के बोझ का सामना न करना पड़ता।यह बात आज सैक्टर-36 में ‘फॉसवॉक’ बहस के दौरान बोलते हुए चण्डीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चावला ने कही।
सुभाष चावला ने यह भी कहा कि भाजपा के नेतृत्त्व वाला निगम अपना बनता हिस्सा तथा दिल्ली वित्त आयोग द्वारा केन्द्र शासित प्रदेशों के राजस्वों में से आबंटित अनुदान राशियां (ग्रांट्स) लेने में असफल रहा है। उन्होंने कहा कि दरअसल निगम वित्त आयोग के समक्ष अपना केस सही ढंग से प्रस्तुत करने में असफल रहा है; जबकि यह चण्डीगढ़ निवासियों द्वारा प्रदत्त टैक्सों में निगम का पक्का व उचित दावा बनता था – इसी सब से भाजपा मेयर व उसके पार्षदों की अक्षमता व लापरवाही का पता चलता है।
सुभाष चावला ने कहा कि यह कांग्रेस ही थी, जिसने वर्ष 2015 में नगर हेतु ग्रांट में बढ़ोतरी करवाई थी तथा नगर निगम को 654 करोड़ रुपए मिले थे, जो कि केन्द्र शासित की कुल आय का 20 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2020-21 में यह ग्रांट घटा कर 568 करोड़ रुपए कर दी गई। यहां यह भी वर्णनीय है कि उस समय सिफ़ारिश तो कुल आय की 30 प्रतिशत ग्रांट हेतु की गई थी, जो कि 1,200 करोड़ रुपए के लगभग होनी चाहिए थी।
सुभाष चावला ने संपूर्ण स्थिति को समझाते हुए सवाल किया,‘‘निगम के लिए अनुदान अर्थात ग्रांट सुनिश्चित करना सांसद का कर्तव्य होता है और यदि सांसद पिछले कुछ वर्षों से बीमार हैं, तो यह भाजपा के स्थानीय नेताओं का कर्तव्य नहीं था कि वे शहर के कल्याण के लिए प्रयास करें, वह भी केंद्र में जब उनकी अपनी पार्टी की सरकार है।”
सुभाष चावला ने कहा कि हम नगर निगम में ‘फॉसवॉक’ की भागीदारी के लिए सहमत हैं। हम इस बात से भी सहमत हैं कि शहर के सभी पार्क रैज़ीडैंट वेलफेयर एसोसिएशन के अंतर्गत आने चाहिए। सड़कों और पार्कों की स्थिति कभी इतनी खराब और दयनीय नहीं थी जितनी अब है। घर-घर कचरा एकत्र करने का कार्य वर्ष 2017 तक तो बहुत सुचारू रूप से चल रहा था परन्तु तब इसे एक कंपनी को स्थानांतरित कर दिया गया था।
सुभाष चावला ने आरोप लगाया कि भाजपा ने एक कॉर्पाेरेट घराने को समृद्ध बनाने के लिए कचरा इकट्ठा करने वाले गरीबों को पर्याप्त मजदूरी और रोजगार के अवसरों से वंचित कर दिया। ऐसा करके उसने शहर में कचरा एकत्र करने की प्रणाली के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा,“भाजपा ने जल, सीवरेज और संपत्ति कर (प्रापर्टी टैक्स) बढ़ा दिया है। दरअसल, पानी के बिल पर 30 % की दर से सीवरेज टैक्स देश में इस तरह का सबसे ज्यादा टैक्स है। टैक्स में इतनी भारी वृद्धि चंडीगढ़ की आम जनता के वित्त पर गंभीर दबाव पैदा कर रही है। उन्होंने कहा,‘करों में भारी वृद्धि के बावजूद, पिछले चार वर्षों में निगम की राजस्व आय में भारी गिरावट आई है।’