भव्य समारोह में हरियाणा के साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया
PANCHKULA, 9 OCTOBER: संयुक्त परिवार की अहमियत बताने वाले संदेश से ओत-प्रोत और पंचकूला की वरिष्ठ साहित्यकार नीलम त्रिखा द्वारा संपादित सांझा काव्य संग्रह पुस्तक ‘कुटुंब लघुकथाएं’ का भव्य विमोचन व सम्मान समारोह गोवा में आयोजित किया गया। श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि इस पुस्तक में हरियाणा के जाने-माने 15 वरिष्ठ साहित्यकारों की रचनाएं हैं। इस विमोचन व सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए यहां से दस साहित्यकार, जो इस पुस्तक का हिस्सा हैं, गोवा पहुंचे, जहां पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक व अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि इस पुस्तक का निशुल्क प्रकाशन सज्योती पब्लिकेशन पुणे से संजय भाऊ चौधरी ने किया है, जो कि एक बड़े समाजसेवी हैं। संजय भाऊ चौधरी अनेक तरह के जागरूकता अभियान पर काम करते हैं और इसी कड़ी में उन्होंने संयुक्त परिवार के महत्व के बारे में इस पुस्तक को निशुल्क प्रकाशित की है। इस पुस्तक की संपादक श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि हरियाणा के 15 जाने-माने लेखकों की प्रेरणादाई लघुकथाएं इस पुस्तक में हैं तथा समाज को एक जागरूक संदेश दिया है कि संयुक्त परिवार का क्या महत्व है। श्रीमती नीलम त्रिखा ने बताया कि लेखकों ने मार्मिक लघुकथाएं इस काव्य संग्रह में दी हैं, जिनमें बताया गया है कि समाज में एकल परिवार की बजाय संयुक्त परिवारों की कितनी ज्यादा अहमियत है और बुजुर्गों का किस तरह से आज के माहौल में निरादर हो रहा है।
विमोचन व सम्मान समारोह में शामिल हुए रचनाकारों में श्रीमती नीलम त्रिखा, डॉ. अनीश गर्ग, डॉ. प्रद्युम्न भल्ला, डॉ. उर्मिल कौशिक सखी, डॉ. सुशील हसरत नरेलवी, डेजी बेदी, संगीता शर्मा कुंद्रा गीत, नीलम नारंग के अलावा विशेष विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती उमा सोनक ने हिस्सा लिया। समारोह में इन सभी साहित्यकारों का सम्मान किया गया व एक शानदार कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ। नीलम त्रिखा ने बताया कि पुस्तक का एक कार्यक्रम चंडीगढ़ में भी रखा जाएगा, ताकि सभी को संयुक्त परिवार की अहमियत के बारे में जागरूक किया जा सके।
इसके अलावा गोवा में तटस्थ सेवा अधिकारी गुरविंदर सिंह के निवास स्थान पर भी एक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस मौके पर गुरविंदर सिंह जीवन, उनकी धर्मपत्नी रूपिंदर कौर को शाल व माला पहनाकर सम्मानित किया गया व साहित्यकारों ने उन्हें पुस्तक भेंट की। पुस्तक की संपादक नीलम त्रिखा ने कहा कि समाज की सोच में बदलाव लाने के लिए यह पुस्तक सभी पाठकों को जरूर पसंद आएगी। इस तरह की और भी अन्य पुस्तक संजय भाऊ चौधरी व श्रीमती नीलम त्रिखा लेकर आएंगे।