CHANDIGARH: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान के साथ तब तक बिजनेस व व्यापार करने का सवाल ही नहीं उठता, जब तक वह आतंकवाद को फंडिंग करना और सीमाओं पर हमारे सिपाहियों को मारना बंद नहीं करता।यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कैप्टन अमरिंदर ने पाकिस्तान से शांति को खतरे के बीच पंजाब में सुरक्षा की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कई आतंकवादी समूहों के स्लीपर सेल सरगर्म है और वह पंजाब में माहौल बिगाड़ने के लिए आईएसआई की मदद कर रहे हैं।
इस क्रम में, पूर्व मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान से सीमा पार कर बड़ी संख्या में हथियार और गोला बारूद की घुसपैठ होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा सेनाओं के नोटिस में आया यह सिर्फ एक मामला है और हम इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि क्या कुछ उनकी आंखों से बचकर निकल गया। वह हैरान हैं कि क्यों पंजाब सरकार लगातार सुरक्षा के मुद्दे पर नकारात्मक रवैया अपनाए हुए हैं।
कैप्टन अमरिंदर ने हाल ही में श्री दरबार साहिब में बेअदबी की कोशिश का जिक्र करते हुए कहा कि यह लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश है और राज्य में शांति का वातावरण बिगाड़ सकती है। उन्होंने कहा कि आईएसआई जैसी कई विदेशी एजेंसियां कई अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों के स्लीपर सेलों के सहयोग से सरगरम है, जो ऐसी स्थिति बनने का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में सुरक्षा नीति में बदलाव के साथ चीन और पाकिस्तान एक साथ आ चुके हैं, जो लगभग एक देश बन चुके हैं। ऐसे में भारत को और अलर्ट रहने की जरूरत है। पंजाब की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर राज्य को अब और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
कैप्टन अमरिंदर ने खुलासा किया कि चीन ने पाकिस्तान में 29 बिलियन डॉलर का निवेश किया था। जिसने वहां हाईवे और सुरंगे बनाकर बड़े स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया, जो चीन के सामान को सीधे ग्वादर पोर्ट पर ले जाते हैं और उसकी सेंट्रल एशिया तक पहुंच बनाते हैं। इसी तरह अफगानिस्तान को वित्तीय सहायता की बहुत जरूरत है व चीन यह करने को तैयार है, जो तालिबान से भारत के लिए एक और चिंता का कारण बन सकता है, जिसे चीन द्वारा भारत में घुसपैठ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
सुरक्षा और कूटनीतिक मामलों में महारत रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को ड्रोनज को मार गिराने के लिए और मजबूत मिसाइल सिस्टम बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रोन की दूरी तय करने और सामान ले जाने की क्षमता बढ़ाई जा रही है। यह देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है, क्योंकि इससे पाकिस्तान को नशे और हथियारों की भारत में तस्करी करने के लिए एक अन्य रास्ता मिल जाता है।