रामायण की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक, रामायण और गीता एक-दूसरे के पूरक: धर्मपाल

भगवान वाल्मीकि जयंती सप्ताह के अंतर्गत आयोजित की गई संगोष्ठी

CHANDIGARH: भारतीय जनता पार्टी द्वारा मनाए जा रहे भगवान वाल्मीकि जयंती सप्ताह के अंतर्गत आज आधुनिक भारत में भगवान वाल्मीकि रामायण की प्रासंगिकता पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल ने मुख्य अतिथि के रुप में हिस्सा लिया।

यह जानकारी देते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने बताया कि इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय अध्ययन केंद्र केंद्रीय विश्वविद्यालय कांगड़ा हिमाचल प्रदेश के पूर्व सहायक आचार्य डॉ. हरबंस सिंह मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए तथा नरेश ने वक्ता के रूप में हिस्सा लिया। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद, एससी मोर्चा प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता नरेश अरोड़ा, कार्यक्रम संयोजक अमित खेरवाल के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष आशा जयसवाल, महामंत्री रामवीर, प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन सहित सभी जिला अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी कार्यकर्ता व अनुसूचित वर्ग से बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि धर्मपाल ने आधुनिक युग में भगवान वाल्मीकि रामायण की प्रासंगिकता पर बात करते हुए कहा कि आज के युग में रामायण से बहुत कुछ सीख कर हम अपने जीवन को जी सकते हैं। आज के समय में जो रामायण के प्रासंगिकता है वह किसी और ग्रंथ की नहीं है। रामायण हमें अपने परिवार को सही तरीके से शिष्टाचार के साथ व मर्यादा के साथ चलने की सीख देती है। उन्होंने कहा कि रामायण में मर्यादा से जीवन जीने की शिक्षा मिलती है, जबकि महाभारत से हम यह बात सीखते हैं कि मर्यादा से कैसे जिया जा सकता है। रामायण और गीता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। रामायण जहां आदर्शों के साथ जीने की राह दिखाती है तो गीता यह सिखाती है कि आदर्शों को कैसे प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने अरुण सूद को व भारतीय जनता पार्टी को यह कार्यक्रम करने के लिए शुभकामनाएं दी और कहा अनुसूचित वर्ग पर ध्यान देने से ही देश की तरक्की संभव है। उन्होंने यह भी घोषणा की अनुसूचित वर्ग के स्कूली बच्चों के लिए स्कॉलरशिप समयबद दी जाएगी।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता डॉक्टर हरबंस सिंह ने आधुनिक भारत में भगवान वाल्मीकि रामायण के पाठ पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज के युग में रामायण परिवार को सही तरीके के साथ जीने की राह दिखाती है। भाई का भाई के प्रति, बेटे का माता के प्रति, पिता का पुत्र के प्रति आपस में क्या रिश्ता होना चाहिए, यह सीख मिलती है। समाज के रिश्ते अगर हम रामायण के पात्रों से सीख लें तो समाज में जो रिश्ते टूट रहे हैं, कभी न टूट पाएंगे।

संगोष्ठी के अन्य वक्ता नरेश वैध ने कहा कि भगवान वाल्मीकि को आदि कवि दुनिया के प्रथम कवि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भगवान श्री राम के बारे में जो लिखा है, उससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है उन्होंने सभी चरित्रों के चरित्र का सुंदर ढंग से व्याख्यान किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हम सबको रामायण पढ़नी चाहिए और उससे जो शिक्षा मिलती हैं उसको अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
इससे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण सूद ने मुख्य अतिथि धर्मपाल व अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो सबका साथ सबका विकास और विश्वास लेकर चलती है।

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