डीलिंकिंग पंजाब में सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र को खत्म कर देगी और शिक्षा का व्यावसायीकरण करेगी: सुमित गोकलाने
CHANDIGARH: पंजाब एंड चंडीगढ़ कॉलेज टीचर्स यूनियन (PCCTU) की ओर से उच्च शिक्षा संस्थानों में टोटल एजुकेशन बंद के आह्वान के जवाब में डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ के शिक्षक कॉलेज में चौथे दिन आज भी धरने पर बैठे तथा शिक्षण कार्य बंद रखा। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने हाथों में तख्तियां लेकर आवाज उठाने और लोगों को मुद्दों से अवगत कराने के लिए मटका चौक की ओर विरोध मार्च भी किया।
शिक्षकों की मांगों में जनवरी 2016 से देय यूजीसी वेतनमानों को लागू करना शामिल है, जो पहले ही देश भर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान किए जा चुके हैं। यूनिवर्सिटी और कॉलेज के शिक्षकों को छोड़कर पंजाब और चंडीगढ़ के कर्मचारियों को भी संशोधित वेतन आयोग ग्रेड दिया गया है। वे पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन के उदासीन रवैये का विरोध कर रहे हैं जो इन और उच्च शिक्षा के अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने में विफल रहे हैं। शिक्षक यूजीसी के वेतनमान से अपने वेतन को अलग करने के पंजाब सरकार के फैसले का भी विरोध करते हैं।
DAVCTU के अध्यक्ष सुमित गोकलाने ने कहा कि पंजाब सरकार घोषणाओं की श्रृंखला बना रही है लेकिन उच्च शिक्षा और शिक्षण बिरादरी के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि डीलिंकिंग पंजाब में सार्वजनिक शिक्षा क्षेत्र को खत्म कर देगी और शिक्षा का व्यावसायीकरण करेगी।