CHANDIGARH: पीसीसीटीयू नेतृत्व के आंदोलनकारी शिक्षकों की मांगों के संबंध में एआईसीसी के राष्ट्रीय और राज्य नेतृत्व से मिलने का निर्णय लेने और 28 दिसंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस एजेंडे को शामिल करने के बारे में पंजाब सरकार के आश्वासन की पृष्ठभूमि में शिक्षकों ने इस महीने की शुरुआत में शुरू हुए सभी शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों के बहिष्कार के बीच डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ में श्रृंखला भूख हड़ताल को आज बीसवें दिन भी जारी रखा। दिन-रात जत्थे में भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि वे तब तक नहीं झुकेंगे जब तक कि यूजीसी से शिक्षकों के वेतनमान को अलग करने के सरकार के फैसले को रद्द नहीं किया जाता है। इसके साथ ही पंजाब में भी शेष राज्यों की तरह ही 7वीं सीपीसी को लागू किए जाने सम्बन्धी कदम उठाए जाएं, जो 6 साल से लम्बित हैं।
शिक्षकों ने कहा कि उनके पास अपने कर्तव्यों का बहिष्कार करने और सर्दियों में अपने घरों की सुख-सुविधाओं को छोड़कर अनिश्चितकाल के लिए भूख हड़ताल पर बैठने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि राज्य सरकार तक उनकी आवाज पहंचाने के अन्य सभी साधनों को अपनाने के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया।
आज डॉ. रीना पार्ती, डॉ. सरबजीत व डॉ. सवनीत कौर (जीजीएस खालसा कॉलेज फॉर विमेन सेक्टर 26 से सभी) दिन में (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) भूख हड़ताल पर बैठी रहीं और डॉ. नीरज चमोली, डॉ. करण विनायक और डॉ. रमन कम्बोज (सभी डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से) रात में (आज शाम 5 बजे – कल सुबह 9 बजे) भूख हड़ताल पर बैठे।