पंजाब में कराधान विभाग ने 48 करोड़ रुपए की कर चोरी के मामले में 4 लोगों को किया गिरफ्तार

CHANDIGARH, 30 JAN: कराधान विभाग, पंजाब के जीएसटी विंग ने कर चोरी करने वालों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 व्यक्तियों को 48 करोड़ रुपए की जीएसटी धोखाधड़ी के मामले में जालंधर से गिरफ़्तार किया है। यह व्यक्ति कथित रूप से लोहे के स्क्रैप से सम्बन्धित फज़ऱ्ी फर्में चला रहे थे और इन्होंने असली माल की सप्लाई किए बिना ही केवल इनवॉइस जारी करके धोखे से इन्पुट टैक्स क्रेडिट (आई.टी.सी) का दावा करने के लिए जी.एस.टी रजिस्ट्रेशन्स प्राप्त की हुई थीं।  

यहाँ जारी प्रैस बयान में यह जानकारी देते हुए कराधान विभाग के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंकज कुमार उर्फ पंकज आनंद को कथित रूप से मैसर्ज पीके ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज गगन ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज कृश ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज बालाजी ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज कृश एंटरप्राईजिज़़ और मैसर्ज पंकज स्क्रैप कंपनी, रविन्दर सिंह को मैसर्ज गुरू हरराय ट्रेडिंग कंपनी, गुरविन्दर सिंह को मैसर्ज शिव शक्ति एंटरप्राईजिज़़ और अमृतपाल सिंह को कथित रूप से मैसर्ज नॉर्थ वोग चलाने के दोष में गिरफ़्तार किया गया था और मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था, जिसके उपरांत इनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि चारों मुलजि़म जालंधर के रहने वाले हैं।  

इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारियों द्वारा मैसर्ज पी.वी. इंटीरियर डेकोर, जालंधर के बारे में प्राथमिक जाँच की गई थी, जिससे जाँच को आगे बढ़ाते हुए मैसर्ज दसमेश ट्रेडिंग कंपनी, जालंधर, मैसर्ज गुर हरराय ट्रेडिंग कंपनी, जालंधर, कृश ट्रेडिंग कंपनी, जालंधर, मैसर्ज शिव शक्ति एंटरप्राईज़, जालंधर, मैसर्ज बालाजी ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज पंकज स्क्रैप कंपनी, जालंधर, गगन ट्रेडिंग कंपनी और मैसर्ज नॉर्थ वौग कंपनी, जालंधर की जाँच की गई। उन्होंने कहा कि यह सभी फर्में नकली ग़ैर-कार्यशील फर्मों के गठजोड़ में शामिल थे, जिन्होंने धोखाधड़ी से आई.टी.सी. का लाभ उठाया।  

प्रवक्ता ने आगे बताया कि यह व्यक्ति केवल लोहे और प्लास्टिक के स्क्रैप का व्यापार दिखा रहे थे और इसके बदले वह स्कूटरों, मोटरसाईकलों, कारों, वैनों, ट्रैक्टरों और बिना रिकॉर्ड वाले फर्जी वाहनों के लिए नकली इनवॉयस और नकली ई-वे बिल तैयार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नकली आई.टी.सी. बनाकर यह व्यक्ति उसी नकली आई.टी.सी को अंतिम करदाता की जगह उनको मुहैया करवा रहे थे जो अपनी कर अदायगियाँ और देनदारियों को अदा करने की बजाय इस नकली आई.टी.सी. के साथ एडजस्ट करवा कर सरकारी खज़ाने की चोरी कर रहे थे।  

प्रवक्ता ने बताया कि यह ऑपरेशन वित्त कमिश्नर (कर) श्री विकास प्रताप और कराधान कमिश्नर श्री कमल किशोर यादव के दिशा-निर्देशों और अतिरिक्त कमिश्नर स्टेट टैक्स (ऑडिट) श्री रवनीत खुराना और अतिरिक्त कमिश्नर स्टेट टैक्स-1 (इन्वेस्टिगेशन) श्री विराज एस. तिडके की निगरानी अधीन किया गया।

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